Wednesday, July 16, 2025

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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आईएएस अरुणपति त्रिपाठी से करेगी पूछताछ, झारखंड मॉडल में भूमिका को लेकर ACB का नोटिस तैयार

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रांची: झारखंड शराब घोटाले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) अब छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी से पूछताछ की तैयारी कर रही है। उन्हें झारखंड में छत्तीसगढ़ के शराब मॉडल को लागू कराने की साजिश में शामिल एक प्रमुख किरदार के रूप में देखा जा रहा है।

जांच के दौरान ACB को जो इनपुट मिले हैं, उसके अनुसार तत्कालीन झारखंड उत्पाद सचिव विनय चौबे को इस साजिश में अरुणपति त्रिपाठी ने सहयोग किया था। खास बात यह है कि त्रिपाठी को जानबूझ कर सलाहकार के रूप में झारखंड उत्पाद विभाग में नियुक्त किया गया था, जिससे योजनाबद्ध तरीके से छत्तीसगढ़ मॉडल की तर्ज पर झारखंड में भी शराब की सरकारी ब्रिकी प्रणाली को लागू किया जा सके।

40-50 करोड़ की रिश्वत के आरोप में घिरे त्रिपाठी
ACB की जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि अरुणपति त्रिपाठी के माध्यम से ही विनय चौबे को 40-50 करोड़ रुपये की रिश्वत पहुंचाई गई थी। इस बड़ी रकम के बदले शराब व्यवसाय में नीतिगत बदलाव की योजना बनाई गई थी, जिससे कथित रूप से कई ठेकेदारों को लाभ पहुंचा।

ACB ने भेजने का फैसला किया नोटिस, रद्द किया प्रोडक्शन वारंट
ACB ने पूर्व में अरुणपति त्रिपाठी को प्रोडक्शन वारंट के जरिए हिरासत में लेने का निर्णय लिया था। लेकिन अब जानकारी सामने आई है कि वे छत्तीसगढ़ में एक अन्य मामले में ज़मानत पर बाहर हैं। ऐसे में अब ACB ने उन्हें पूछताछ के लिए आरोपी के रूप में नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

जांच में त्रिपाठी की भूमिका की पुष्टि
ACB सूत्रों के अनुसार, केस के प्राथमिकी और अप्राथमिकी अभियुक्तों से हुई पूछताछ में अरुणपति त्रिपाठी की संलिप्तता को लेकर कई अहम जानकारियां मिली हैं। इस आधार पर उन्हें केस में संदिग्ध आरोपी मानते हुए कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है।

झारखंड में शराब बिक्री को लेकर कथित रूप से एक समानांतर सिंडिकेट के जरिए करोड़ों की अवैध कमाई का मामला सामने आया था। इस घोटाले में कई अधिकारी, कारोबारी और बिचौलियों की मिलीभगत उजागर हुई है, जिसकी जांच अब राज्य के बाहर तक पहुंच गई है।