Hazaribagh : हजारीबाग के बहुचर्चित खासमहल जमीन घोटाले मामले में एक अहम फैसला सामने आया है। एसीबी कोर्ट ने घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व उपायुक्त और आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे समेत तत्कालीन खासमहल पदाधिकारी विनोद चंद्र झा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही इस मामले में आरोपित विजय प्रताप सिंह और सुधीर कुमार सिंह की अग्रिम जमानत याचिकाएं भी कोर्ट ने मंजूर नहीं कीं।
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पूरा मामला खासमहल की जमीन के अवैध नामांतरण से जुड़ा है। आरोप है कि विनय चौबे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कुछ कर्मचारियों की मदद से जमीन की प्रकृति में बदलाव कराया और इसे एक करीबी को लाभ पहुंचाने के लिए ट्रांसफर करा दिया।
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Hazaribagh: बचाव पक्ष का तर्क-चौबे ने नियमों के तहत काम किया, कोई गड़बड़ी नहीं की
इस मामले की सुनवाई जिला जज की अदालत में हुई, जहां प्रकरण संख्या 9/25 के तहत सभी पक्षों की दलीलें सुनी गईं। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि चौबे ने नियमों के तहत काम किया और कोई गड़बड़ी नहीं की। आईएएस विनय चौबे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शंकर बनर्जी ने पैरवी की थी।
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हालांकि, अदालत ने सभी तर्कों को सुनने के बाद आज फैसला सुनाया और जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। एसीबी की जांच और कोर्ट के इस फैसले से साफ है कि प्रशासन जमीन घोटालों को लेकर अब सख्त रवैया अपना रहा है।
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