Gumla: जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के साथ मुठभेड़ में पुलिस ने तीन उग्रवादियों को मार गिराया था। तीनों के शव का पोस्टमार्टम किया गया। मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना के बाद दिलीप लोहरा और समुद्र लोहरा के परिजन सदर अस्पताल आए। दिलीप का शव उसके भाई बिगु लोहरा ने लिया, जबकि समुद्र लोहरा का शव उसके पिता साधु लोहरा को सौंपा गया।
Gumla: 2012 में जेजेएमपी में शामिल हुआ था दिलीप
बिगु ने बताया दिलीप 2012 में जेजेएमपी में शामिल हुआ था। 2011 में उसकी बहन और जीजा की हत्या डायन बिसाही के आरोप में आंजन कांसी टोली गांव में कर दी गई थी। इसी का बदला लेने के लिए वह उग्रवादी बना। परिवार के लोगों ने कई बार सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना। बिगु ने बताया दिलीप 2 महीने बाद सितंबर में सरेंडर करने वाला था, इसके लिए दो दिन पहले गुमला के वकील से कानूनी सलाह भी ली थी।
Gumla: दिलीप के दो बच्चे हैं
दिलीप सात भाई बहनों में सबसे छोटा था। उसका भाई बिगु राजमिस्त्री है, दूसरा भाई मोहित ट्रैक्टर चलाता है। दिलीप के दो बच्चे हैं, 4 साल की बेटी और 6 महीने का बेटा है। वहीं समुद्र के पिता साधु लोहरा ने बताया कि उसके चार बेटे हैं। समुद्र सबसे बड़ा था। पूरा परिवार हर साल ईंट भट्ठा में काम करने जाता था। समुद्र भी साथ जाता था। 2 माह पहले उसने बताया कि इस बार वह चेन्नई की किसी कंपनी में काम करने जा रहा है।
Gumla: दिलीप के संपर्क में आया समुद्र
परिवार ने खुशी-खुशी उसे भेजा। इसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया। बाद में पता चला कि वह दिलीप के प्रभाव में आकर जेजेएमपी में शामिल हो गया। मुठभेड़ में उसकी भी मौत हो गई। इधर तीसरे उग्रवादी के शव को परिजन लेने नहीं आए। बताया जाता है कि उग्रवादी सखुआ टोली गांव का रहने वाला था। पुलिस ने परिजनों को सूचना दी, लेकिन शव लेने कोई नहीं आया। इसके बाद उसके शव को सदर अस्पताल के शीत गृह में रखा गया है।
गुमला से अमित की रिपोर्ट
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