जानकारी नहीं देने की स्थिति में कार्मिक सचिव को अदालत में सशरीर उपस्थित होना होगा

नगर निकाय व रांची नगर निगम का चुनाव शीघ्र कराने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई

रांची:  झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस नगर रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने निकाय राज्य में नगर निकाय व रांची नगर निगम का चुनाव शीघ्र कराने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की.

इस दौरान अदालत ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना, राज्य सरकार की ओर से दिये गये जवाब पर नाराजगी जताती के हुए अदालत ने मौखिक रूप से कहा को कि नगर निगम व नगर निकायों के पांच वर्ष का कार्यकाल समाप्त को होने के छह माह बीतने के बाद है, भी चुनाव के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है.

राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का पद खाली है. आयोग में अध्यक्ष की कब तक नियुक्ति होगी. ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया कब तक पूरी हो जायेगी.  इस को लेकर कोर्ट ने  राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.
अदालत ने यह भी कहा कि जानकारी नहीं देने की स्थिति में कार्मिक सचिव को अदालत में सशरीर उपस्थित होना होगा, मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने आठ नवंबर की तिथि निर्धारित की.

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि रांची निगम व राज्य में नगर का चुनाव अब तक नहीं हो पाया है.

प्रशासक के द्वारा काम चलाया जा है, जब तक चुनाव नहीं है, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत प्रशासक बजाय निकाय प्रतिनिधियों अधिकार दिया जाना चाहिये, ओबीसी आरक्षण लेकर ट्रिपल टेस्ट होना इसके लिए राज्य पिछड़ा आयोग (डेडिकेटेड कमीशन) में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गयी है.

ओबीसी का डाटा आने के बाद ही आरक्षण तय होना है. छह माह में कैसे चुनाव होगा, यह सरकार नहीं बता पा रही वहीं राज्य सरकार की और से अदालत को बताया गया कि छह माह में राज्य में नगर निकायों का चुनाव करा लिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पूर्व पार्षद रोशनी खलखी व अन्य की ओर से याचिका दायर की गयी है.

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