रांची: झारखंड की राजधानी रांची से एक बड़ा फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जहां खेल विभाग में सीधी नियुक्ति का झांसा देकर 10 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की गई। इस मामले में चास के रहने वाले धीरज कुमार सिंह ने बूटी मोड़ निवासी शेखर कुमार के खिलाफ लालपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
एफआईआर में आरोप है कि शेखर खुद को सत्ता से जुड़े बड़े नेताओं और शीर्ष अधिकारियों का करीबी बताकर बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देता था। वह खेल विभाग के लेटरहेड, मोनोग्राम और लोगो का इस्तेमाल कर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करता था।
धीरज कुमार ने अपने परिवार के तीन सदस्यों की नौकरी के लिए शेखर के खाते में सात लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। उन्होंने पैसे ट्रांसफर की रसीद और फर्जी नियुक्ति पत्र पुलिस को साक्ष्य के रूप में सौंपा है।
इसी तरह सत्येंद्र यादव ने 7.50 लाख और दुर्गा प्रसाद ने अपने तीन बेटों की नियुक्ति के लिए 17 लाख रुपए का चेक दिया था। इसके बाद शेखर ने खेल विभाग की ओर से ईमेल भेजकर नियुक्ति की सूचना दी, लेकिन अगली ही सुबह एक और ईमेल भेजकर नियुक्ति रद्द करने की जानकारी दी, ताकि प्रक्रिया को असली दिखाया जा सके।
धीरज ने बताया कि अगस्त महीने में रांची सर्किट हाउस में शेखर से मुलाकात हुई थी। शेखर ने दावा किया था कि वह खेल सचिव के साथ मिलकर 100 लोगों को सीधी नौकरी दिला सकता है, जिसके बदले उसने प्रति व्यक्ति 30 लाख रुपए की मांग की थी।
पुलिस को संदेह है कि शेखर ने इसी तरह फर्जी नियुक्तियों के जरिए अब तक करीब 10 करोड़ रुपए की ठगी की है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और अन्य पीड़ितों से भी संपर्क करने की अपील की है।