Saturday, September 27, 2025

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झारखंड: रांची में CM हेमंत सोरेन ने 350 सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र सौंपा, बोले- शिक्षा राज्य की रीढ़, इसमें कोई समझौता नहीं

रांची में CM हेमंत सोरेन ने 350 सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र सौंपा। बोले, शिक्षा में समझौता नहीं होगा और झारखंड को बौद्धिक पहचान भी मिलेगी।


रांची। झारखंड की राजधानी रांची में मंगलवार को आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में cm हेमंत सोरेन ने राज्य के 350 सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र सौंपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि शिक्षा राज्य की रीढ़ है, इसमें किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं होगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को संवारने के लिए आज जो बीज बोया जाएगा, वही भविष्य में वृक्ष बनेगा। अगर शिक्षक अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करेंगे तो राज्य की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन होगा। उन्होंने कहा कि कई गरीब परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए घर तक बेच देते हैं और पेट काटकर शिक्षा पर खर्च करते हैं। इसलिए शिक्षकों पर और भी बड़ी जिम्मेदारी है कि वे उनके सपनों को साकार करें।


 Key Highlights

  • रांची में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में CM हेमंत सोरेन ने 350 सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र सौंपा

  • बोले, शिक्षा राज्य की रीढ़ है, इसमें कोई समझौता नहीं होगा

  • गरीब परिवारों की उम्मीदें शिक्षकों से जुड़ी हैं, जिम्मेदारी निभाने की अपील

  • प्राइवेट स्कूलों की मोनोपॉली तोड़ने का संकल्प

  • आम जनता के टैक्स से दी जाने वाली तनख्वाह के महत्व पर जोर

  • झारखंड को बौद्धिक शक्ति और शिक्षा में भी पहचान दिलाने का लक्ष्य


मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक निजी स्कूलों का एकाधिकार शिक्षा के क्षेत्र में देखा गया है, लेकिन अगर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाई जाए तो यह मोनोपॉली टूट सकती है। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे अपनी जिम्मेदारी को सिर्फ नौकरी न समझें बल्कि समाज और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को आकार देने का अवसर मानें।

सोरेन ने कहा कि आपको 40 से 50 हजार रुपये तक का वेतन मिलेगा और यह आम जनता के टैक्स से दिया जाएगा। इसलिए यह सिर्फ तनख्वाह लेने का विषय नहीं है, बल्कि राज्य और समाज के प्रति उत्तरदायित्व भी है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसी सभागार से और भी नियुक्तियां दी जाएंगी ताकि झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिल सके।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड को अब सिर्फ खनिज संपदा के लिए नहीं, बल्कि बौद्धिक शक्ति और शिक्षा की गुणवत्ता के लिए भी पहचाना जाए। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि अगर उनके पास शिक्षा व्यवस्था सुधारने को लेकर कोई सुझाव हो तो सरकार उसे गंभीरता से लेगी।

इस मौके पर बड़ी संख्या में चयनित सहायक आचार्य और उनके परिजन मौजूद थे। समारोह के दौरान युवाओं में उत्साह और उमंग देखने को मिला।

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