पलामू : झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मैया सम्मान योजना में पलामू जिले से एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। पाकी प्रखंड के एक युवक ने लड़की का नाम बनाकर छह महीने तक इस योजना का लाभ उठाया। हैरानी की बात यह है कि युवक पीडीएस डीलर केदार प्रसाद गुप्ता का बेटा है, जिसका असली नाम सौरभ कुमार है।
सूत्रों के अनुसार, सौरभ कुमार ने लाभार्थी सूची में सौरभ कुमारी नाम दर्ज करवाया और पिता का नाम केदार साव लिखवाया, जबकि बैंक खाता सौरभ कुमार के नाम से है, जिसमें उसके असली पिता का नाम केदार प्रसाद गुप्ता दर्ज है। बैंक मैनेजर ने पुष्टि की है कि इसी खाते में लगातार योजना की राशि भेजी जा रही थी।
मामला सामने आने के बाद जब सौरभ कुमार और उसके पिता से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। सामाजिक सुरक्षा निदेशक विक्रम आनंद ने इस फर्जीवाड़े को गंभीर मानते हुए स्पष्ट किया कि आरोपी से पूरी राशि की वसूली की जाएगी और जांच के बाद एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस घोटाले में कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी शामिल पाया गया, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी।
मैया सम्मान योजना के अंतर्गत 18 से 20 वर्ष की उन महिलाओं को ₹2500 प्रतिमाह की सहायता राशि दी जाती है जिनके पास राशन कार्ड हो। परंतु, योजना लागू होने के बाद से ही राज्य भर में फर्जीवाड़े की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
हाल ही में जमशेदपुर में भी कई महिलाओं द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए लाभ लेने की बात सामने आई थी, जिनमें कुछ सरकारी कर्मचारियों की पत्नियां और आर्थिक रूप से सक्षम परिवार की महिलाएं भी शामिल थीं। सरकार ने ऐसे सभी लोगों को नोटिस भेजकर राशि वापस करने का निर्देश दिया है।
सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन करने का आदेश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ सिर्फ वास्तविक पात्र महिलाओं को ही मिले। इसके साथ ही अब योजना की राशि सिर्फ उन्हीं बैंक खातों में भेजी जाएगी जो आधार से लिंक हैं।
यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि जनकल्याण योजनाओं में पारदर्शिता और निगरानी की कितनी जरूरत है।