Ranchi– झारखंड सरकार ने मॉब लिंचिंग पर रोक लगाने के लिए मॉब लिंचिंग रोकथाम विधेयक 2021 का मसौदा लगभग तैयार कर लिया है. सूत्रों के अनुसार झारखंड (लिंचिंग रोकथाम) विधेयक के मसौदे में मॉब लिंचिंग से मौत की स्थिति में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है.
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यहां यह बता दें कि यदि यह मसौदा विधानसभा से पारित हो जाता है तो झारखंड पश्चिम बंगाल के बाद ऐसा करने वाला दूसरा राज्य बन जाएगा. हालांकि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बिल को लेकर कुछ भी कहने से बचते दिख रहे है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पहले इस विधेयक को आने दीजिए , उसके बाद इस पर चर्चा की जाएगी.
विधेयक को लेकर राज्य के पेयजल मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा यदि किसी घटना से समाज को नुकसान पहुंचता है, तो उस पर कड़े कानून बनने ही चाहिए. जबकि मंत्री हफीजुल हसन ने कहा है कि मॉब लिंचिंग को लेकर हेमंत सरकार काफी गंभीर है. लेकिन कानून सभी के हितों को ध्यान में रखकर लाया जाएगा, किसी खास जाति, समुदाय या वर्ग विशेष को ध्यान में रखकर नहीं.
भाजपा दे रही है संतुलित बयान, लेकिन कांग्रेस पर साधा निशाना
भाजपा भी इस मुद्दे पर कुछ ज्यादा बोलने से परहेज कर रही है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि झारखंड सरकार मॉब लिंचिंग पर कानून लाने जा रही है. निश्चित रूप से यह राज्य सरकार की जिम्मेवारी बनती है कि वह अपने नागरिकों की रक्षा करें. लेकिन भाजपा को इस बात की चिंता भी है कि गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल है. कांग्रेस जब 2004 से लेकर 2014 तक सत्ता में थी तो उस वक्त वह बहुसंख्यक समाज को टारगेट कर कानून लाने की तैयारी कर रही थी, तब भाजपा ने इसका विरोध किया था. उसके बाद इस कानून को वापस लिया गया था. भाजपा इस प्रस्तावित कानून पर नजर बनाए हुए है.
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से देश के कई राज्यों में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में इजाफा हुआ है. झारखंड में भी मॉब लिंचिंग की घटना आये दिन होते रहती है. ऐसे में यह जरूरी था कि मॉब लिंचिंग पर कानून बने. हेमंत सरकार ने मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने की पहल तो जरुर की है. अब यह आने वाला समय ही बताएगा कि मॉब लिंचिंग पर लाये जाने वाले कानून का क्या प्रारूप होगा और इसका समाज पर क्या असर पड़ेगा.