Sunday, June 29, 2025

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सिमडेगा में फिर खाट पर लादकर ले जाए गए मरीज, स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से त्रस्त ग्रामीण

 सिमडेगा: झारखंड के सिमडेगा जिले में एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल तस्वीर सामने आई है। जिले के चुनियारी (चंदियारी) गांव की एक वृद्ध महिला गंगू देवी को खाट पर लादकर तीन किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक लाया गया, जहां से निजी वाहन के जरिए उन्हें सदर अस्पताल भेजा गया। उनके कमर में गिरने से गंभीर चोट लगी थी और चलना-फिरना मुश्किल हो गया था।

मामले के अनुसार, जब गंगू देवी को अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ी, तो ग्रामीणों ने स्थानीय भाजपा नेता के माध्यम से सिविल सर्जन को एंबुलेंस भेजने का आग्रह किया। हालांकि तकनीकी खराबी के कारण एंबुलेंस रास्ते में ही पंचर हो गई और मरीज को नहीं ले जा सकी। ऐसे में मजबूरी में परिजनों ने उन्हें खाट पर लिटाकर 3 किलोमीटर तक पैदल ढोया।

गांव की स्थानीय महिला सावित्री देवी ने बताया कि गांव में न तो सड़क है, न पुलिया और न ही कोई त्वरित आपात सुविधा। उन्होंने कहा, “बुजुर्ग महिला घर में गिर गई, कमर में चोट लगी, कोई सुविधा नहीं है, ना सड़क है, ना एंबुलेंस पहुंच सकती है। इसलिए हम लोग खाट पर उठाकर गाड़ी तक ले गए।”

यह कोई पहला मामला नहीं है। 15 अप्रैल को भी इसी क्षेत्र के चुंदवारी गांव में एक प्रसूता को खाट पर अस्पताल ले जाने की तस्वीरें सामने आई थीं। लगातार सामने आ रहे इन मामलों से स्पष्ट है कि सिमडेगा जैसे आदिवासी बहुल जिले के कई गांव अब भी सड़क और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।

भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा कि सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। घोषणाएं तो रोज होती हैं लेकिन धरातल पर सुविधाएं नहीं पहुंच रही हैं।

सरकार के तमाम दावों के बावजूद ग्रामीण अब भी खाट पर इलाज की आस लेकर सरकारी तंत्र का इंतजार करते हैं, जो विकास की बुनियादी प्राथमिकताओं पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

रिपोर्ट: विकास, न्यूज़ बायोस्कोप, सिमडेगा


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