Patna– मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही राजनीतिक गलियारों में कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार को लेकर बबाल मचा है.
दावा किया जा रहा है कि वह एक अपहरण के मामले में वह फरार घोषित हैं. उनके खिलाफ वारंट भी जारी है.
लेकिन इस बीच विधि मंत्री कार्तिकेय कुमार के अधिवक्ताओं ने सारे आरोपों को झूठलाते हुए दावा किया है
कि पुलिस की जांच में यह साफ हुआ है कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है.
मामले में अंतिम पत्र समर्पित कर दिया गया है. अंतिम प्रपत्र में इन्हे निर्दोष पाया गया है.
उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी जरुर किया गया था, जिसमें फिलहाल स्टे आर्डर मिला हुआ है.
साथ ही उनके मुवकिल को न्यायालय ऐसी कोई नोटिश नहीं मिली है,
जिसमें उन्हे 16 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया गया हो.
कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार के अधिवक्ता का दावा, मामला बेबुनियाद
यहां बता दें कि कल कार्तिकेय कुमार के द्वारा शपथ ग्रहण लेते ही विपक्ष की ओर से यह दावा किया जा रहा था कि
उनके खिलाफ वारंट जारी है, और कल ही उन्हे कोर्ट में उपस्थित होना था.
बतलाया जा रहा था कि राजीव रंजन अपहरण मामले में उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी थी,
इसी मामले में वारंट जारी किया गया था,
लेकिन मामला मीडिया में उछलने के बाद अब उनके अधिवक्ता ने सामने आ कर सारे मामले में बेबुनियाद बतलाया है.
रिपोर्ट-शक्ति
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