जमुई : अरे रे रे… का हाल कर दिया सरकारी गुरु जी के बीचे सड़क पर बियाह करा दिया.
बिना तामझाम के सरकारी टीचर का वरमाला भी हो गया.
और सिर्फ इसलिए कि सरकारी टीचर बनने के बाद भाव खा रहे थे.
सिर्फ इसलिए कि दूल्हा बनने से पहले बाबू टीचर बन गये हैं, अब भाव तो बढ़वे ना करेगा सरकारी नौकरी का.
सरकारी गुरु जी का भाव भी ऐसा कि सब वादे भूलने लगे.
भूलने लगे दुल्हन जिसे बनाना था.
सरकारी नौकरी लगने के बाद उसके साथ दगा कर रहे हैं.
फिर तो सरकारी गुरु जी को ऐसी याद दिलाई गई, कि सब याद आ जाये.
बेरोजगारी में भी लड़की वाले मान गये थे..शादी तय कर दी
बिहार में यही तो सरकारी नौकरी का क्रेज है. बेरोजगारी में भी लड़की वाले मान गये थे, शादी तय कर दी.
दो साल से अपने होने वाली दुल्हन के साथ बाबू प्यार के रंग में गोते लगाते थे.
जब सरकारी नौकरी लग गई तो पीछा छुड़ाने लगे.
फिर लड़की कहां मानने वाली थी, बेरोजगार जब था. तब तो अपना लिया था.
अब तो सरकारी नौकरी लग गई तो पीछा कैसे छोड़ देगी.
बियाह के वादे भूलने वाले सरकारी शिक्षक के घर परिवार के साथ पहुंच गई.
फिर वो तमाशा हुए जिस देखने वालों की भीड़ लग गई.
बिहार में एक और पकड़ौआ बियाह हुआ
लड़का शादी की बजाय मरने को तैयार था, लड़की वरमाला लेकर तैयार थी.
जबरन शादी करवाने के लिए लोग बेचैन थे.
जमुई के गिद्धौर में हालात पल-पल बदलते रहे, बदलते-बदलते तस्वीर ये बदल गई कि सरकारी बाबू के
हाथों लड़के की मांग में सिंदूर डलवाये गये.
जबरन ही सही हो गये दोनों पति-पत्नी, सरकारी बाबू अब दूल्हा बाबू बन गये.
जिस लड़की ने दो साल हर वक्त जिस शख्स का साथ दिया, वो दुल्हन बन गई.
टोटली कहें तो पकड़ौआ बियाह के लिए बदनाम बिहार में एक और पकड़ौआ बियाह हुआ.
जमुई में सरकारी नौकरी का भी क्रेज दिखा, कि यूं ही सरकारी बाबू बिहार में रौब में नहीं रहते.