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Desk. राजधानी लखनऊ में अब पालतू बिल्ली पालने के लिए लखनऊ नगर निगम ने एक अहम फैसला लेते हुए पालतू बिल्लियों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। अगर कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के बिल्ली पालता पाया गया, तो उस पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
बिल्ली पालने के लिए शुरू हुई पंजीकरण प्रक्रिया
नगर निगम ने 27 सितंबर से ही बिल्ली लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पालतू बिल्ली के लिए सालाना 500 रुपये का पंजीकरण शुल्क तय किया गया है। इस कदम का उद्देश्य पालतू पशुओं की निगरानी, स्वास्थ्य सुरक्षा, और अवैध ब्रीडिंग पर नियंत्रण है।
जानकारी के अनुसार, लाइसेंस प्रक्रिया में बिल्ली के टीकाकरण, स्वास्थ्य रिकॉर्ड और अन्य जरूरी जानकारियां दर्ज की जाएंगी। यह प्रणाली पालतू जानवरों के कल्याण और उनके मालिकों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
ब्रीडिंग सेंटरों के लिए भी कड़े नियम
अब एनिमल ब्रीडिंग सेंटर चलाने वालों के लिए भी लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इन केंद्रों के लिए 5000 रुपये का सालाना लाइसेंस शुल्क निर्धारित किया गया है। साथ ही, उन्हें नगर निगम द्वारा बनाए गए मानकों का सख्ती से पालन करना होगा। इस कदम से अवैध प्रजनन और पशु शोषण पर लगाम लगाई जा सकेगी।
कुत्तों की तरह पंजीकरण अनिवार्य
यह निर्णय कुत्तों के लिए पहले से लागू पंजीकरण प्रणाली की तर्ज पर लिया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शहर में सभी पालतू जानवर पंजीकृत हों, उन्हें समय पर चिकित्सा सुविधा मिले और उनकी आबादी का नियमन किया जा सके।
लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें?
नागरिक लखनऊ नगर निगम कार्यालय जाकर लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। जल्द ही ऑनलाइन आवेदन सुविधा भी शुरू की जाएगी, जिससे पंजीकरण प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी।