दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो की इजाजत नहीं देगा भारत, विदेश मंत्री की दो टूक

भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

डिजिटल डेस्क :  दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो की इजाजत नहीं देगा भारत, विदेश मंत्री की दो टूक। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर  ने दुनिया के देशों के दो टूक अंदाज में भारत का संदेश देते हुए कहा है कि – ‘…भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो लगाने की अनुमति नहीं देगा। भारत किसी डर की परवाह किए बिना राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए जो भी सही होगा वह करेगा’।

जयशंकर ने कहा – आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है भारत

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर  ने मुंबई के एक समारोह में इसी क्रम में आगे कहा कि – ‘…भारत आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। यहां इसे विकास की नई संभावनाएं दिख रही हैं। हालांकि, कुछ पुरानी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं, जिन्हें सुलझाना जरूरी है। जब भारत वैश्विक चेतना में अधिक गहराई से जुड़ जाता है, तो इसके नतीजे वास्तव में गहरे होते हैं।

…भारत अपने राष्ट्रीय हित में किसी डर की परवाह किए बिना जो सही होगा, वही करेगा। भारत अनिवार्य रूप से प्रगति करेगा। लेकिन भारत को अपनी भारतीयता को खोए बिना ऐसा करना होगा। तभी हम वास्तव में बहुध्रुवीय विश्व में एक अग्रणी शक्ति के रूप में उभर सकते हैं’।

भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर बोले –  एक असाधारण राष्ट्र है अपना भारत…

मुंबई के कार्यक्रम में अपने संबोधन में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर  ने  कहा कि – ‘…भारत एक असाधारण राष्ट्र है, क्योंकि यह एक सभ्यता वाला देश है। उइसकी सांस्कृतिक ताकत को पूरी तरह से इस्तेमाल करने से ही यह वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाल सकेगा।

…इसके लिए जरूरी है कि युवा पीढ़ी अपनी विरासत के मूल्य को समझे। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका सामाजिक स्तर पर प्रभाव होना चाहिए।  

लंबे समय से हमें प्रगति और आधुनिकता को हमारी परंपराओं की अस्वीकृति के रूप में देखने की शिक्षा दी गई। लेकिन अब, जैसे-जैसे लोकतंत्र मजबूत हुआ है, देश अपनी पहचान फिर से खोज रहा है।

…स्वतंत्रता को कभी भी तटस्थता के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। हम अपने राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए सही कदम उठाने से नहीं डरना है। वैश्वीकरण के इस युग में प्रौद्योगिकी और परंपरा को साथ में आगे बढ़ना चाहिए’।

भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

मुंबई में विदेश मंत्री द्वारा कहे गए वीटो पावर की वैश्विक अहमितय को भी जानें…

भारतीय  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किसी देश का नाम लिए बगैर ही साफ संदेश दिया है। लेकिन इस वीटो पॉवर की वैश्विक अहमियत को भी जानना जरूरी है। वीटो पावर इस्तेमाल को कई तरह के सवाल उठते रहे हैं। कई देशों की तरफ से इसके इस्तेमाल को लेकर दवाब बनाने की कोशिश भी की जाती है। संयुक्त राष्ट्र ( यूएनएससी) पर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा कायम रखने की सबसे पहली जिम्मेदारी होती है।

इसकी शक्तियों में शांति अभियानों का योगदान, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को लागू करना और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों से सैन्य कार्रवाई करना भी शामिल होता है। मौजूदा समय में यूएनएससी के पांच परमानेंट मेंबरों के पास वीटो पॉवर है। वीटो पॉवर यानी किसी भी फैसले को रोक देने की क्षमता। यूं समझिए कि  5 देशों में कोई एक देश अगर किसी फैसले को रोकना चाहता है तो वो वीटो पावर का इस्तेमाल करके उस फैसले को रोक सकता है।

भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

27वें एसआईईएस श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती नेशनल एमिनेंस अवॉर्ड से सम्मानित हुए डॉ. जयशंकर

बीते शनिवार को मुंबई में विदेश मंत्री जयशंकर को 27वें एसआईईएस श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती नेशनल एमिनेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। पुरस्कार चार क्षेत्रों में दिए जाते हैं- सार्वजनिक नेतृत्व, सामुदायिक नेतृत्व, मानव प्रयास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और सामाजिक नेतृत्व- जिसमें अध्यात्मवाद को विशेष महत्व दिया जाता है।

इन पुरस्कारों का नाम कांची कामकोटि पीठम के 68वें द्रष्टा स्वर्गीय चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती के नाम पर रखा गया है। हालांकि, विदेश मंत्री इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्होंने अपना वीडियो संदेश भेजा था।

मुंबई में हुए इस कार्यक्रम में भले ही विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर खुद नहीं पहुंचे लेकिन अपना वीडियो संदेश भेजा था। उसके अब सार्वजनिक होते ही दुनिया के देशों ने भारतीय विदेश मंत्री के बयान को गंभीरता से लिया एवं इसे भारत का मौजूदा नजरिया एवं दुनिया में नई शक्ति के रुप में उभरते भारत की सोच के रूप में आंका जा रहा है।

 

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