मोतिहारी : भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ता दिख रहा है। लगभग 215 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस सड़क में जगह-जगह गड्ढे बन गए है। जिससे अब यह पता नहीं चल रहा है कि सड़क में गड्ढा है की गड्ढे में सड़क है। जेकेएम इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा बनाई जा रही इस सड़क के गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। गड्ढे में तब्दील इस सड़क पर चलने वाले मुसाफिरों को हमेशा जान का खतरा बना रहता है।
बता दें कि सबसे बड़ा खतरा तो इंडो-नेपाल बॉर्डर पर तैनात एसएसबी के जवानों को होती है। जिन्हें इसी सड़क से गस्ती करनी होती है। गस्ती के दौरान सड़क पर गड्ढा होने के कारण उन्हें हमेशा किसी तरह के अनहोनी होने का खतरा बना रहता है। 2024 तक इस सड़क के निर्माण कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन कंपनी के सुस्त और ढुलमुल रवैए के कारण यह संभव नहीं दिखता है। वहीं इस मामले में कार्यपालक अभियंता प्रेम कुमार से बात किया गया तो वे जांच करने के बाद कुछ भी बताने की बात कहीं।
राजीव रंजन की रिपोर्ट