पटना : बिहार सरकार को भारत के कपड़ा और चमड़ा उद्योगों में एक महत्वपूर्ण हब के रूप में स्थापित करने के लिए कई दूरगामी कदम उठा रही है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इन सारे उपायों और कदमों को उठाते वक्त सरकार सस्टेनेबिलिटी पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में हाल ही में उद्योग विभाग की एक उच्चस्तरीय टीम ने तमिलनाडु के विभिन्न शहरों की यात्रा की, जिसे इन उद्योगों में अपनी कुशलता और पर्यावरण अनुकूल कार्यप्रणाली के लिए जाना जाता है।
उद्योग विभाग के निदेशक आलोक रंजन घोष की अगुआई वाली इस टीम का मुख्य उद्देश्य तिरुप्पुर और अन्य शहरों के प्रमुख कपड़ा उत्पादकों और विशेषज्ञों से संवाद करना और इस क्षेत्र में हो रहे विभिन्न विकास और तकनीक के उपयोग को जानना था। इन विशेषज्ञों के साथ बातचीत के माध्यम से, टीम ने कपड़ा उद्योग में इस्तेमाल किए जा रहे उन उन्नत प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं को जाना, जिसने तिरुप्पुर को एक वैश्विक पहचान दी है। आलोक रंजन ने इस यात्रा और संवाद के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि तिरुप्पुर की हमारी यात्रा ने हमें बिहार में इस सफल मॉडल को लागू करने के लिए आवश्यक सभी जानकारी जुटाने में मदद की। हमारा लक्ष्य बुनियादी ढांचे, नीतिगत समर्थन और विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से राज्य में वस्त्र उद्योग के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करना और इस क्षेत्र में राज्य को एक नई पहचान दिलाना है। इससे राज्य में रोजगार के भी अनेकों अवसर पैदा होंगे।
इस टीम ने सरकार की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता भी जाहिर की। टीम ने उन पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जो पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करता हो और बिहार सरकार की पर्यावरण नीति के अनुरूप हो। इसी कारण से प्रतिनिधिमंडल ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) संयंत्र के संचालन का अध्ययन करने के लिए रानीपेट तमिलनाडु का भी दौरा किया। रैनिटेक कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट के अधिकारियों ने टेनरी अपशिष्ट जल को फिर से उपयोग के योग्य बनाने और इसके 85 फीसदी भाग का पुन: उपयोग करने की अपनी क्षमता पर प्रकाश डाला। इस तरह की नवीन प्रक्रियाएं बिहार के उभरते चमड़ा क्षेत्र के लिए काफी उत्साहजनक हैं।
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बिहार सरकार की उद्योग विभाग की टीम और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई), चेन्नई (तमिलनाडु) के कार्यकारी निदेशक, सेल्वम से मुलाकात की और बिहार में इस उद्योग के लिए अवसरों पर चर्चा की। टीम ने आरके इंडस्ट्रीज का भी दौरा किया, जो एक 50 साल पुराना वस्त्र निर्माता कंपनी है और प्रमुख वैश्विक ब्रांडों को सेवाएं प्रदान करती है। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) ने हाल ही में पटना में बिहटा के सिकंदरपुर औद्योगिक क्षेत्र में इस कंपनी को 72 हजार वर्ग फुट का प्लग एंड प्ले शेड आवंटित किया है। यह बिहार में निवेश के अनुकूल परिस्थितियों को दर्शाता है। बिहार सरकार औद्योगिक विकास में तेजी लाने, एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने और राज्य में शीर्ष स्तरीय निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सफल मॉडल का अवलोकन और राज्य में उसे लागू करने से बिहार को राष्ट्रीय और वैश्विक औद्योगिक पटल पर एक नई पहचान मिलने की संभावना है।
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