डिजिटल डेस्क : यूपी में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय के मौत की जांच SIT को। यूपी में बीते बुधवार को कांग्रेस के विधानसभा घेराव कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस यूथ विंग के पूर्व सचिव प्रभात पांडे की हुई मौत की जांच योगी आदित्यनाथ सरकार ने SIT (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम) को सौंपी है। यानी अब लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडे की मौत की जांच SIT करेगी। इंस्पेक्टर और दो दरोगा व दो सिपाहियों की टीम बनाई गई है।
कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय के मौता के कारणों का पता नहीं चला…
बीते बुधवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात की मौत कैसे हुई, इसका सही पता तो अभी तक नहीं चल पाया है। बीते बुधवार को लखनऊ में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में प्रभात भी पहुंचे थे। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए जबरदस्त बैरिकेडिंग की थी। कांग्रेस दफ्तर से लेकर प्रेरणा स्थल तक कई लेयर में पुलिस बैरिकेडिंग थी। रास्ता बंद कर दिया गया था।
प्रभात पांडे की कथित तौर पर पुलिस के साथ झड़प के बाद, लखनऊ में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बीच मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मरने से पहले प्रभात करीब दो घंटे तक कांग्रेस के दफ्तर में बेहोश पड़े रहे। जाम और बैरिकेडिंग के चलते प्रभात को अस्पताल ले जाने में 35 मिनट लग गए। यही देरी भारी पड़ गई।
दिवंगत प्रभात पांडेय यूपी के ही गोरखपुर के रहने वाले थे और पढ़ाई करने के लिए लखनऊ में अपने चाचा के साथ रह रहे थे। बीते गुरुवार को प्रभात का अंतिम संस्कार किया गया।
प्रभात पांडेय की मौत के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को नोटिस जारी…
प्रभात पांडेय के मौत की सही वजहों का भले ही आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ है लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि पुलिस की बर्बरता के कारण प्रभात की मौत हुई।
प्रभात पांडेय की मौत के मामले के तूल पकड़ने पर यूपी पुलिस पर ठीकरा फोड़ते हुए बीते दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा था – ‘प्रशासन हत्या की साजिश रच रहा था. कांग्रेस के लिए यह दुख की घड़ी है। कांग्रेस मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए देगी। योगी सरकार को मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को मुआवजे के रूप में सरकारी नौकरी देनी चाहिए’।
अब यूपी पुलिस ने इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को नोटिस जारी किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से भी मामले में पूछताछ कर सकती है।
प्रभात पांडेय के मौत के प्रकरण को संवेदनशील मानते हुए यूपी पुलिस ने आमजनों से की थी अपील…
लखनऊ की पुलिस कमिश्नर रवीना त्यागी ने बताया कि – ‘प्रभात पांडे को कांग्रेस दफ्तर से बेहोशी की हालत में हजरतगंज के नगर अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। घटना के संबंध में फैलाई जा रही अफवाहों पर लखनऊ पुलिस का पक्ष है कि प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर किसी भी प्रकार का बल प्रयोग किया ही नहीं गया था।
…इस घटना से जोड़कर गलत जानकारी व अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी ताकि कानून व्यवस्था और शांति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ सभी नागरिकों से अपील करती है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही अफवाह फैलाये, किसी भी जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।
…इस संवेदनशील मामले में सभी की भावनाओं का आदर किया जाएगा, और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए मृतक के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा वीडियोग्राफी के साथ कराया जाएगा। पुलिस विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए त्वरित और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करेगी’।