पटना : पढ़ाई, करियर या अन्य कारणों से देर से शादी का प्रचलन बढ़ गया है। ऐसे में देर से शादी मां बनने की चिंता बढ़ा देती है। बांझपन की शिकार या देर से शादी करने वाली लड़कियों के लिए आईवीएफ वरदान है। साथ ही गर्भधारण से पूर्व और आईवीएफ चुनने से पहले उन्हें अपने सभी स्वास्थ्य कारकों पर ध्यान देना जरूरी है। आज यह बातें ज्योतिपुंज हास्पिटल में डॉ. शिप्रा सिंह ने कही।
बचपन से ही लड़कियों को पैकेज्ड फुड, बाहर का जंक फुड, बिस्किट व चाकलेट देकर प्यार दुलार न दर्शाएं – डॉ. शिप्रा सिंह
डॉ. शिप्रा सिंह ने बताया कि बचपन से ही लड़कियों को पैकेज्ड फुड, बाहर का जंक फुड, बिस्किट और चाकलेट देकर प्यार दुलार न दर्शाएं। इससे फैटीलिवर की आशंका बढ़ जाती है। आईवीएफ चुनने के पूर्व अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए, ताकि वजन न बढ़े। बीपी, शुगर और एसजीपीटी न बढ़े। ऐसे में छोटी सी लापरवाही मां बच्चे दोनों के लिए जानलेवा हो सकती है। डॉ. शिप्रा ने कहा कि सामान्य तौर पर नार्मल डिलीवरी कराना सही होता है। पर गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की जटिलता आए और सामान्य प्रसव में परेशानी हो। ऐसे में मरीज और बच्चे की सुरक्षा के लिए सर्जरी करना होता है।
यह भी पढ़े : वोटर अधिकार यात्रा : कारवां पहुंचा रमेश चौक, राहुल गांधी-तेजस्वी यादव का गर्मजोशी से स्वागत…
अंशु झा की रिपोर्ट
Highlights