रांची : कैश देकर पीआईएल मैनेज करने के मामले में जेल में बंद कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल
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को तीन महीने की अंतरिम जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दी है.
इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को पहले ही जमानत दे दी गई थी.
झारखंड हाइकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी.
पिछली सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता की ओर से कहा गया था कि
हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता के द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत उन्होंने पुलिस से की थी.

अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
ईडी ने मामला दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया जो कि गलत है.
साथ ही यह भी कहा गया था कि इस मामले में जिस अधिवक्ता को रिश्वत दी गई थी
उन्हें हाइकोर्ट से जमानत मिल गई है. ऐसे में उन्हें भी जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए.
जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के जवाब को देखते हुए जमानत की सुविधा प्रदान कर दी.
बता दें कि अमित अग्रवाल की ओर से ईडी की कार्रवाई को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
उनका कहना है कि जिस मामले में वे शिकायतकर्ता हैं और स्वयं पीड़ित हैं,
उस मामले में उन्हें आरोपित बनाया जाना बिल्कुल गलत हैं.
जानिए क्या है पूरा मामला
अमित अग्रवाल ने झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका को मैनेज करने के नाम पर अधिवक्ता राजीव कुमार के द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में की थी. कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख कैश के साथ 31 जुलाई को एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान से गिरफ्तार किया था, बाद में कोलकाता की पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया. लेकिन इस मामले में कुछ महीने के बाद उन्हें जमानत दे दी गई.
रिपोर्ट: शाहनवाज