Thursday, August 28, 2025

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जयराम महतो बोले:RIMS-2 ही नहीं RIMS-5 भी बने, लेकिन नगड़ी की जमीन जबरन न लें

जयराम महतो ने विधानसभा में कहा- RIMS-2 ही नहीं RIMS-5 भी बने, लेकिन नगड़ी की उपजाऊ जमीन जबरन न ली जाए, किसानों की सहमति जरूरी।


रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को नगड़ी में प्रस्तावित RIMS-2 परियोजना को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष ने जहां केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला बोला, वहीं विपक्ष ने राज्य सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति को कटघरे में खड़ा किया। इसी बीच जयराम महतो ने सरकार को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि “RIMS-2 ही नहीं, RIMS-5 भी बने, लेकिन किसानों की उपजाऊ जमीन जबरन न ली जाए।”

महतो ने स्पष्ट कहा कि नगड़ी की लगभग 200 एकड़ जमीन उपजाऊ और समतल है, जिसे बिना उचित मुआवजा दिए अधिग्रहित करना गुरुजी के सपनों और झारखंड की जल-जंगल-जमीन की बुनियाद पर आघात होगा। उन्होंने मांग की कि सरकार को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 और LAR पॉलिसी के तहत किसानों की सहमति लेकर ही भूमि अधिग्रहण करना चाहिए।


Key Highlights:

  • जयराम महतो ने RIMS-2 का समर्थन किया लेकिन नगड़ी की उपजाऊ जमीन जबरन लेने का विरोध किया।

  • 200 एकड़ जमीन अधिग्रहण पर किसानों की सहमति और उचित मुआवजा जरूरी बताया।

  • विधानसभा में भारी हंगामा, सत्ता और विपक्ष ने एक-दूसरे की नीतियों को घेरा।

  • महतो ने कहा- झारखंड में RIMS-2, 3, 5 बनें, लेकिन किसानों की सहमति के साथ।

  • 1932 खतियान वाली टी-शर्ट पहनकर सदन में पहुंचे, सरकार को प्रतीकात्मक संदेश दिया।


उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार यदि अधिग्रहण का दावा करती है तो दस्तावेज कोर्ट या सदन में प्रस्तुत करे। साथ ही किसानों के हस्ताक्षर और सहमति को सार्वजनिक करे। महतो ने सुझाव दिया कि नगड़ी के ग्रामीणों के 5 से 9 प्रतिनिधियों को बुलाकर सरकार को सीधी बातचीत करनी चाहिए।

महतो ने स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत को स्वीकारते हुए कहा कि “राज्य में RIMS-2, RIMS-3, RIMS-5 सभी बनें, क्योंकि झारखंड की सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य है। रोजाना हमें 10-15 बीमार मरीजों की मदद करनी पड़ती है। लेकिन सवाल यह है कि क्या जमीन जबरन ली जानी चाहिए?”

उन्होंने यह भी बताया कि राजधानी के आसपास कई वैकल्पिक जगहें मौजूद हैं जहां अस्पताल बनाया जा सकता है। “400 एकड़ जमीन पहले से अधिग्रहित है, वहां भी निर्माण संभव है। लेकिन सरकार का अड़ियल रवैया विवाद को जन्म दे रहा है।”

सदन के अंदर लगातार हंगामे के बीच महतो ने आज 1932 खतियान छपा टी-शर्ट पहनकर सरकार को प्रतीकात्मक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “कभी शब्दों से, कभी लेखन से और कभी प्रतीकात्मक तरीके से ही अपनी बात रखनी पड़ती है।”

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