जमशेदपुर : ध्रुव- एक दिव्यात्मा- साकची धालभूम क्लब में झारखंड के पूर्व लोकायुक्त
स्वर्गीय ध्रुव नारायण उपाध्याय की स्मृति में लिखी पुस्तक ‘ध्रुव- एक दिव्यात्मा का अलोक वरण’ का
लोकार्पण किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि दिल्ली सरकार के लोकायुक्त हरीश चंद्र मिश्रा,
विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति चंद्रशेखर सिंह, झारखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति दीपक रोशन,
न्यायमूर्ति राजेश कुमार, न्यायमूर्ति अपरेश सिंह, खूंटी के जिला जज संजय कुमार एवं उद्घाटनकर्ता विधायक सरयू राय उपस्थित थे.
न्यायमूर्ति ध्रुव नारायण उपाध्याय को याद कर भावुक हुए लोकायुक्त हरीश चंद्र मिश्रा
अपने संबोधन में दिल्ली सरकार के लोकायुक्त हरीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि दिवंगत न्यायमूर्ति ध्रुव नारायण उपाध्याय की तरह काम करना कठिन है. वह जो काम को जानते थे उसे पूरा करके ही दम लेते थे. उन्होंने कहा कि कोरोना ने हम दोनों के परिवारों को प्रभावित किया और अंततः उपाध्याय जिंदगी की जंग हार गए. अपने संबोधन के दौरान वह कई बार भावुक हो गए.
लोकायुक्त के अधिकार को और सशक्त बनाना चाहते थे न्यायमूर्ति- सरयू राय
विधायक सरयू राय ने कहा कि न्यायमूर्ति ध्रुव नारायण उपाध्याय से मेरी मात्र 2 बार मुलाकात हुई है. वह लोकायुक्त के अधिकार को और सशक्त बनाना चाहते थे. इसके लिए वे संविधान में संशोधन करवाना चाहते थे, ताकि आम जनता को तुरंत और सही न्याय मिल सके.
ध्रुव- एक दिव्यात्मा: कर्मठ इंसान थे ध्रुव नारायण- न्यायमूर्ति संजय कुमार
मुख्य वक्ता न्यायमूर्ति संजय कुमार ने कहा कि दिवंगत ध्रुव नारायण उपाध्याय एक कर्मठ इंसान थे और हम लोगों को कई बार मार्गदर्शन करते हुए प्रोत्साहित किए. इस अवसर पर साकची धालभूम क्लब में स्वर्गीय ध्रुव नारायण उपाध्याय की स्मृति में श्रद्धांजलि कार्यक्रम हुआ.
ध्रुव- एक दिव्यात्मा: एंजिल उपाध्याय ने कविता पाठ कर दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के दौरान ‘ध्रुव -एक दिव्यात्मा का अलोक वरण’ स्मृति ग्रंथ का लोकार्पण किया गया. पुस्तक में कुल 66 आलेख हैं, जो साहित्यकारों एवं परिचितों द्वारा दिए गए हैं. उनकी पत्नी एंजिल उपाध्याय ने अपनी श्रद्धांजलि में कविता का पाठ किया, जिसका शीर्षक था ‘तुम ठीक तो हो ना’. इस अवसर पर झारखंड बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष व भाजपा प्रवक्ता राजेश कुमार शुक्ला एवं अमरप्रीत सिंह काले ने भी समारोह को संबोधित किया.
रिपोर्ट: लाला जब़ी