‘समृद्ध व विकसित बिहार के लिए सियासी परिवर्तन में जन सुराज एक विकल्प’

'समृद्ध व विकसित बिहार के लिए सियासी परिवर्तन में जन सुराज एक विकल्प'

भभुआ : जन सुराज विचार मंच भभुआ के बैनर तले यहां रविवार को राज सदन के सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन हुआ। समृद्ध व विकसित बिहार के लिए सियासी परिवर्तन में जन सुराज एक विकल्प विषय था। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता व प्रसिद्ध समाजसेवी हरिद्वार पांडेय व संचालन मंच के जिला प्रमुख व वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार तिवारी ने किया। विषय प्रवेश करते हुए सुनील तिवारी ने कहा कि समृद्ध बिहार की परिकल्पना लेकर जन सुराज चला रहे राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर का विजन स्पष्ट है। जन सुराज यानी जनता का सुराज। कैसे आएगा? यह अभियान के टैग लाइन से ही साफ हो जाता है। सही लोग, सही सोच व सामुहिक प्रयास। जन सुराज, सही लोग, सही सोच और सामुहिक प्रयास इस आठ शब्दों का यह सूत्र वाक्य बिहार की आमूल चूल परिवर्तन की गाथा लिखेगा।

पांडेय ने कहा कि 20वीं शताब्दी में गांधी के सपनों को पूरा करने के लिए प्रशांत किशोर ने एक सराहनीय कदम उठाया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए उन्हें कई मोर्चों पर संघर्ष पड़ेगा। गोष्ठी में अन्य वक्ताओं ने भी समृद्ध बिहार के लिए जन सुराज को एक मजबूत विकल्प के रूप में देखा। वक्ताओं ने जन सुराज से जुड़कर बिहार में जाति व्यवस्था पर टिकी राजनीति को समाप्त करने व समृद्ध बिहार की कल्पना को लेकर कदम से कदम मिलाकर चलने का आह्वान किया।

गोष्ठी में सभी लोगों ने यह माना कि वर्तमान सरकार की कुव्यवस्था के कारण हर तबके के लोग परेशान हैं। अभी तक सभी राजनीतिक दलों ने अपनी समृद्धि पर फोकस किया है। ऐसे में जन सुराज एक उम्मीद की किरण लेकर आया है और प्रशांत किशोर इस अभियान में सफल होंगे। गोष्ठी में रवि अग्रवाल, भानु शुक्ला, अंकित राज, मनीष गौरव, जितेंद्र उपाध्याय, मंटू पांडेय, संजय कुमार सिंह, सुजीत सिंह, गोपाल तिवारी, कन्हैया राम, सरफुदिन मियां, मनीष कुमार, मो. जैनुदिन, विनय सिन्हा, राधेश्याम तिवारी, रविकांत मिश्रा, अशोक कुमार श्रीवास्तव, रवि कुमार सिन्हा, रामएकबाल प्रसाद और बागेशवरी प्रसाद द्विवेदी समेत कई उपस्थित थे।

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विवेक कुमार सिन्हा की रिपोर्ट

 

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