डिजीटल डेस्क : जयाप्रदा सोमवार को खुद ही उत्तर प्रदेश के रामपुर कोर्ट पहुंच गईं और धारा 313 के अंतर्गत बयान दर्ज कराए जबकि दूसरे मामले में सफाई साक्ष्य के साथ ही गवाहों की सूची प्रस्तुत की। इन मामले में अतीत में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और गिरफ्तारी का आदेश जारी हुआ। उसी क्रम में उनकी तलाश में पुलिस ने उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की थी लेकिन उनका सुराग तक पुलिस को नहीं मिल पाया। तब वह पुलिस के हाथ नहीं लगी थीं।
जयाप्रदा कुर्की प्रक्रिया शुरू होते ही खुद पहुंचीं कोर्ट, 2 मई को होगी सुनवाई
फिल्म अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा के चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में सोमवार को सुनवाई हुई। पूर्व सांसद अपने अधिवक्ता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद लोधी के साथ न्यायालय में पेश हुईं। इनमें एक मामले में उन्होंने धारा 313 के अंतर्गत बयान दर्ज कराए जबकि दूसरे मामले में सफाई साक्ष्य के साथ ही गवाहों की सूची प्रस्तुत की।
इनमें एक मामले में उन्होंने धारा 313 के अंतर्गत बयान दर्ज कराए, जबकि दूसरे मामले में सफाई साक्ष्य के साथ ही गवाहों की सूची प्रस्तुत की। न्यायालय ने दोनों मामलों में सुनवाई के लिए 2 मई नियत की है।
जयाप्रदा के खिलाफ दोनों केस 2019 में हुए दर्ज, दिल्ली-मुंबई में पड़ा था छापा
जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के दोनों मामले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय के हैं। इनमें एक मामला स्वार क्षेत्र का है। स्वार कोतवाली में दर्ज प्राथमिकी में उन पर आचार संहिता के बावजूद नूरपुर गांव में सड़क के उद्घाटन का आरोप है। दूसरा मामला केमरी थाने का है। इसमें उन पर पिपलिया मिश्र गांव में आयोजित जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
दोनों मामलों में पुलिस ने जांच पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे। तारीख पर नहीं हाजिर होने पर न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किए थे। न्यायालय के आदेश पर पुलिस अधीक्षक ने उनकी तलाश में टीम गठित की थी। टीम ने दिल्ली, मुंबई आदि संभावित ठिकानों पर छापा मारा था, लेकिन पूर्व सांसद जयाप्रदा हाथ नहीं लग सकी थीं।
जयाप्रदा को गिरफ्तार कर पेश करने जारी हुआ था आदेश
बाद में कोर्ट ने जयाप्रदा के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। गत 27 फरवरी को न्यायालय ने उनके विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 82 (फरारी की उद्घोषणा) का नोटिस जारी किया था। साथ ही एसपी को उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। फिर गत 4 मार्च को जयाप्रदा न्यायालय पहुंची थीं। उन्होंने वारंट वापसी का प्रार्थना पत्र दिया था और कहा था कि स्वास्थ्य संबंधी कारणों से वह न्यायालय में नहीं आ पा रही थीं।
न्यायालय ने उनके वारंट वापस कर दिए थे। इसके बाद मुकदमों में सुनवाई शुरू हो सकी। सोमवार को जयाप्रदा ने इस मामले में प्रार्थना पत्र देकर सफाई साक्ष्य और गवाहों को प्रस्तुत करने का अनुरोध किया। न्यायालय ने उनका प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए गवाह को तलब कर लिया है।