झारखंड विधानसभा मानसून सत्र में सत्ता और विपक्ष में हंगामा, 130वां संशोधन और एसआईआर मुद्दे पर वेल में नारेबाजी, कार्यवाही स्थगित।
रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में फिर हंगामा देखने को मिला। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने वेल में उतरकर जोरदार नारेबाजी की। यह टकराव मुख्य रूप से कुछ संवेदनशील मुद्दों को लेकर हुआ, जिन पर दोनों पक्षों के बीच लगातार बहस और आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बनी रही।
सत्ता पक्ष के विधायकों ने दो मुख्य मुद्दे उठाए। पहला एसआईआर (Special Investigation Report) को लेकर आरोप था कि विपक्षी मतदाताओं को सूची से बाहर करने की कोशिश की जा रही है। दूसरा 130वां संविधान संशोधन, जिसमें सांसद, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को 30 दिनों से अधिक जेल में रहने पर इस्तीफा देना होगा, को लेकर उन्होंने विरोध जताया। सत्ता पक्ष का कहना था कि इन मामलों में जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन हो रहा है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाधा डाली जा रही है।
Key Highlights:
झारखंड विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन दोनों पक्षों ने वेल में उतरकर नारेबाजी की।
सत्ता पक्ष ने एसआईआर मुद्दा और 130वां संविधान संशोधन उठाया।
विपक्ष ने सूरहां एनकाउंटर और सीबीआई जांच की मांग को लेकर हंगामा किया।
सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
तीन बचे दिन सदन में टकराव और जनहित मुद्दों पर निगरानी रहेगी।
एनकाउंटर मामले में विधानसभा में सरकार की मौन नीति पर सवाल उठाते हुए, विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग की। विपक्ष का आरोप था कि राज्य सरकार के अधीन सीआईडी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, रिम्स टू परियोजना को लेकर भी चर्चा हुई, जहां विपक्ष ने परियोजना के समयबद्ध निर्माण और अलॉटमेंट की मांग उठाई।
आज के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। शुरूआत में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी बात रखने के लिए सीढ़ियों और वेल में उतरकर नारेबाजी की। सत्ता पक्ष ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनका लक्ष्य विपक्षी वोटरों को मतदाता सूची से बाहर करना है। विपक्ष ने राज्य सरकार के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि एनकाउंटर मामले की निष्पक्ष जांच हो।
विशेष रूप से सदन की कार्यवाही में यह स्थिति दर्शाती है कि मानसून सत्र में टकराव लगातार जारी रहेगा। आज के दिन से यह स्पष्ट हो गया कि बचे हुए तीन दिनों में सत्ता पक्ष और विपक्ष किस तरह जनहित के मुद्दों को उठाते हैं और सदन की कार्रवाई को प्रभावित करते हैं, यह देखने योग्य होगा।
सत्र के दौरान दोनों पक्षों के विधायकों ने अपने-अपने मुद्दों पर जोरदार वार-पलटवार किया, और यह साफ दिखा कि आगामी दिनों में भी सत्र में हलचल और हंगामा जारी रहेगा।
Highlights