नई दिल्ली/रांची: झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई के बाद अगली तारीख 19 अगस्त तय की है। यह याचिका भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा दाखिल की गई है, जिसमें उन्होंने अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती निर्देशों का उल्लंघन बताया है।
चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अनजारिया की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता और प्रतिवादी दोनों पक्षों ने अपना पक्ष रखा। हालांकि राज्य सरकार की ओर से पेश होने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल किसी अन्य अदालत में व्यस्त रहने के कारण उपस्थित नहीं हो सके और उन्होंने अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की।

प्रकाश सिंह केस का हवाला
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकारें पुलिस महानिदेशक (DGP) की नियुक्ति में शीर्ष अदालत के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं। उन्होंने यह मांग भी की कि डीजीपी की नियुक्ति सीबीआई निदेशक की तर्ज पर चयन समिति के माध्यम से की जाए, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
अनुराग गुप्ता की ओर से जवाब
वहीं, डीजीपी अनुराग गुप्ता की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक या प्रशासनिक कार्रवाई लंबित नहीं है और उनकी नियुक्ति प्रकाश सिंह केस के सभी दिशा-निर्देशों के अनुरूप हुई है।
गौरतलब है कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के बाद से ही राजनीतिक और विधिक स्तर पर विवाद खड़ा हो गया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी, जो झारखंड की पुलिस व्यवस्था और उच्चस्तरीय प्रशासनिक नियुक्तियों पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है।
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