रांची: लोहरदगा में 2011 में हुए बम विस्फोट के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा से बरी कर दिया है। न्यायमूर्ति आरके मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति पीके श्रीवास्तव की पीठ ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ ऐसा कोई साक्ष्य पेश करने में असफल रही, जिससे उन्हें दोषी साबित किया जा सके। गवाहों के बयान भी उन्हें दोषी साबित करने में नाकाम रहे। इस मामले में सुधवा असुर, सुना खेरवार, पूरन गंझू और अक्षय खेरवार को बरी किया गया है।
यह घटना 3 मई 2011 को सेन्हा थाना क्षेत्र के धरधरिया में हुई थी, जब नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम की चपेट में आकर झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के 11 जवान शहीद हो गए थे, और 60 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस मामले में सेन्हा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
लोअर कोर्ट ने 12 अप्रैल 2016 को इन चारों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद इन सजायाफ्ताओं ने लोअर कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अब सुनाया गया है।