रांची. झारखंड हाईकोर्ट ने 29 जुलाई 2024 को सुनवाई करते हुए अंचल अधिकारी धनवार एवं थाना प्रभारी धनवार थाना को यह आदेश दिया है कि वादीगण को झूठे मुकदमे में नहीं फंसाया जाए और न ही इन्हें झूठे मुकदमे में गिरफ्तार किया जाए। साथ ही पानी टंकी के निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है एवं मुखिया, पंचायत समिति के सदस्य, ठेकेदार कंपनी और नरेश वर्मा अंचल अधिकारी जिनका ट्रांसफर धनवार अंचल कार्यालय से दूसरे अंचल कार्यालय में हो गया था, को नोटिस भेजने का आदेश वादीगण को दिया है। इसके अतिरिक्त उच्च न्यायालय झारखंड ने उपायुक्त गिरिडीह को यह आदेश दिया कि चार सप्ताह में अपना जवाब प्रस्तुत करें अगली सुनवाई की तिथि 27 अगस्त 2024 को झारखंड उच्च न्यायालय ने रखी है।
दरअसल, 1965 में चूल्हन नायक, भूखल गोप, अनूप गोप और लीलो नायक को बिहार भूदान यज्ञ समिति के द्वारा तीन एकड़ तीन डिसमिल जमीन जीविको उपार्जन के लिए दिया गया था, जिसका जमाबंदी पंजी 2 में दर्ज है एवं इसका रसीद भी वादीगण को प्राप्त होता रहा है। 2022 तक सब सही तरीके से चला रहा था, लेकिन 2023 में चूल्हन नायक, भूखल गोप, अनूप गोप और लीलो नायक के वंशजों को पता चला कि उनकी जमीन पर सरकारी योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण कार्य किया जा रहा है।विस्तृत जानकारी मिलने के बाद यह पता चला कि अंचल अधिकारी धनवार, थाना प्रभारी धनवार थाना, मुखिया एवं पंचायत समिति के सदस्य के द्वारा षड्यंत्र रच कर बिहार भूदान यज्ञ समिति के द्वारा दी गई जमीन के ऊपर पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है।
विरोध करने पर वादीगण के साथ मारपीट की गई और इन्हें थाना में दो दिनों तक बंद करके रखा गया और कुछ खाने को भी नहीं दिया गया। मजबूरन रामजी साह, उपेंद्र प्रसाद गुप्ता, इंद्रदेव यादव, मेघन महतो और राजेश साह चुपचाप घर में बैठ गए और एसडीम धनवार को 144 धारा के तहत आवेदन दिए। इसी बीच अंचल अधिकारी ने धारा 4 h के तहत अपर समाहर्ता (एडिशनल कलेक्टर) को जमाबंदी जमाबंदी रद्द करने का निवेदन किया। अपर समाहर्ता (एडिशनल कलेक्टर) ने बिना वादीगण को सुने 29.12.2023 को जमाबंदी रद्द करते हुए यह आदेश पारित किया कि चूंकि चूल्हन नायक, भूखल गोप, अनूप गोप और लीलो नायक को यह जमीन कानूनी रूप से प्राप्त नहीं है एवं इनके पास जमीन से संबंधित वैद्य दस्तावेज भी नहीं है इसलिए इनका जमाबंदी को रद्द किया जाता है।
अपर समाहर्ता के आदेश को झारखंड उच्च न्यायालय में रामजी साव, उपेंद्र प्रसाद गुप्ता, मेघन महतो, इंद्रदेव यादव और राजेश साह ने रिट याचिका दायर करने का फैसला किया। जब रिट दायर करने की जानकारी अंचल अधिकारी धनवार और थाना प्रभारी धनवार थाना को मिली तो अंचल अधिकारी धनवार और थाना प्रभारी धनवार थाना में वादीगण को धमकी दी कि तुम लोग मेरे खिलाफ केस करोगे तुम लोगों को जहां देखेंगे वहीं पकड़ के जेल में डाल देंगे और सड़ते रहना जेल में।
जब घटना की विस्तृत जानकारी उच्च न्यायालय को अधिवक्ता रंजन कुमार ने दी तो उच्च न्यायालय ने 29 जुलाई 2024 को सुनवाई करते हुए अंचल अधिकारी धनवार एवं थाना प्रभारी धनवार थाना को यह आदेश दिए कि वादीगण को झूठे मुकदमे में न फंसाया जाए और ना ही इन्हें झूठे मुकदमे में इन्हें गिरफ्तार किया जाए। साथ ही पानी टंकी के निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी एवं मुखिया, पंचायत समिति के सदस्य, ठेकेदार कंपनी और नरेश वर्मा अंचल अधिकारी जिनका ट्रांसफर धनवार अंचल कार्यालय से दूसरे अंचल कार्यालय में हो गया था को नोटिस भेजने करने का आदेश वादीगण को दिया। इसके अतिरिक्त उच्च न्यायालय झारखंड में उपायुक्त गिरिडीह को यह आदेश दिया कि चार सप्ताह में अपना जवाब प्रस्तुत करें। अगली सुनवाई की तिथि 27 अगस्त 2024 को झारखंड उच्च न्यायालय ने रखी है।