Jharkhand Liquor Revenue Rise:अक्टूबर में 362 करोड़ की कमाई, नई एक्साइज पॉलिसी से बढ़ी सरकार की कमाई

झारखंड में नई उत्पाद नीति का असर दिखा। अक्टूबर में शराब से 362 करोड़ की कमाई हुई, जो लक्ष्य से 102 प्रतिशत अधिक है। सरकार की राजस्व स्थिति मजबूत हुई।


Jharkhand Liquor Revenue Rise: रांची: झारखंड में नई उत्पाद नीति का असर तेजी से दिखाई देने लगा है। अक्टूबर 2025 में राज्य सरकार को शराब बिक्री से 362 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व मिला। उत्पाद विभाग ने इस माह के लिए 354 करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया था, जिसके मुकाबले विभाग ने 102 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की। यह राजस्व पिछले साल अक्टूबर की तुलना में 155 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले वर्ष इसी अवधि में विभाग को 207 करोड़ की प्राप्ति हुई थी।

Jharkhand Liquor Revenue Rise:

नई नीति सितंबर से लागू की गई है, जिसके तहत राज्य में खुदरा शराब बिक्री निजी दुकानदारों को सौंपी गई है। इन दुकानों को शराब उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) निभा रहा है। वर्तमान में राज्य में 1343 खुदरा शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं, जबकि पहले इनकी संख्या 1453 थी। यानी अब दुकानों की संख्या 110 कम है, लेकिन इसके बावजूद सरकार की आमदनी में वृद्धि दर्ज की गई है।


Key Highlights

  • अक्टूबर में शराब से 362 करोड़ की रिकॉर्ड कमाई

  • लक्ष्य से 102 प्रतिशत ज्यादा राजस्व

  • सितंबर में भी 144 करोड़ की अतिरिक्त आय दर्ज

  • वित्तीय वर्ष 2025-26 में 3585 करोड़ का राजस्व लक्ष्य

  • नई उत्पाद नीति के तहत 110 शराब दुकानों की संख्या घटी


Jharkhand Liquor Revenue Rise:  सितंबर में भी मिला था लक्ष्य से अधिक राजस्व

नई नीति लागू होने के शुरुआती महीने सितंबर में भी विभाग को बेहतर परिणाम मिले थे। इस माह के लिए 275 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित था, जबकि प्राप्त राजस्व इससे करीब 50 करोड़ अधिक रहा। पिछले वर्ष सितंबर में 181 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि इस साल सितंबर में 144 करोड़ की अतिरिक्त प्राप्ति हुई।

Jharkhand Liquor Revenue Rise: वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बड़ा लक्ष्य

उत्पाद विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 3585 करोड़ रुपये का कुल राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें सितंबर 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच नई नीति के तहत 2402 करोड़ रुपये की प्राप्ति का लक्ष्य शामिल है। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग को कुल 2985 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था।

नई उत्पाद नीति के तहत दुकानों की संख्या कम होने के बावजूद लगातार बढ़ती राजस्व प्राप्ति इस बात का संकेत है कि वितरण प्रणाली और बिक्री प्रबंधन में सुधार हुआ है। विभाग आगामी महीनों में इस वृद्धि को जारी रखने की उम्मीद कर रहा है।

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