Ranchi: झारखंड में लंबे समय से टल रहे नगर निकाय चुनाव (Jharkhand Municipal Elections) की घोषणा अब जल्द हो सकती है। झारखंड हाईकोर्ट के सख्ती के बाद हेमंत सरकार ने जल्द चुनाव कराने का निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार सरकार नवंबर में कैबिनेट की मंजूरी लेकर राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव की अनुमति दे सकती है। बता दे लगभग तीन वर्षों से निकाय चुनाव नहीं होने के कारण राज्य के शहरी निकायों का संचालन अधिकारी कर रहे हैं, जिससे विकास कार्यों पर असर पड़ा है।
आरक्षण निर्धारण अंतिम चरण मेंः
पिछले कैबिनेट की बैठक में हुए निर्णय के अनुसार इन दिनों जिला स्तर पर शहरी निकायों के वार्ड और पदों के आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जिला स्तर पर आरक्षण तय होने के बाद यह रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी। राज्य में कुल 48 शहरी निकाय क्षेत्र हैं, जहां ओबीसी ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट के बाद पहली बार बीसी-1 और बीसी-2 के लिए सीटें निर्धारित की जा रही हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा पर शहरी निकायों में अधिकतम 50% आरक्षण लागू होगा, जिसमें एससी, एसटी, बीसी-1 और बीसी-2 वर्गों के लिए सीटें आरक्षित होंगी। मेयर और वार्ड पार्षद जैसे पदों का आरक्षण चक्रीय (रोटेशनल) प्रणाली पर आधारित होगा।
सरकार पर बढ़ा दबावः
सरकार पर अब न्यायालय, विपक्ष और आम जनता — तीनों ओर से दबाव बढ़ता जा रहा है। शहरी निकाय चुनाव नहीं होने के कारण राज्य को केंद्रीय मद से मिलने वाली विकास योजनाओं की राशि में भी बाधा आ रही है। नगर विकास विभाग ने अब तमाम प्रशासनिक बाधाओं को दूर कर शीघ्र चुनाव कराने की तैयारी तेज कर दी है। अगर सब कुछ तय समय पर होता है, तो संभावना है कि नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत तक नगर निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा हो जाएगी।
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