Friday, June 27, 2025

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गूगल पर फर्जी नंबर डालकर 20 लाख की साइबर ठगी, झारखंड पुलिस ने आरोपी को नालंदा से दबोचा

रांची:  झारखंड के अपराध अनुसंधान विभाग की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने 20 लाख रुपये की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को नालंदा (बिहार) से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान जीतू कुमार, निवासी गोकुलपुर, हरनौत, नालंदा के रूप में हुई है। इस मामले में साइबर थाना में केस संख्या 111/24 दर्ज किया गया था।

गूगल पर फर्जी नंबर डालकर लोगों को बनाता था शिकार

पुलिस के अनुसार, साइबर अपराधियों ने गूगल सर्च में अल्ट्राटेक सीमेंट और रूंगटा मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के असली कस्टमर केयर नंबर बदलकर फर्जी नंबर डाल दिए थे। ठगी के शिकार व्यक्ति ने इन नंबरों पर संपर्क कर सीमेंट और छड़ खरीदने की बात की। आरोपी ने खुद को कंपनी का अधिकारी बताकर भरोसा दिलाया और 20 लाख 16 हजार 420 रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए।

तकनीकी जांच के बाद आरोपी गिरफ्तार

ठगी की शिकायत मिलने के बाद साइबर थाना पुलिस ने तकनीकी और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू की। जांच में जीतू कुमार की संलिप्तता सामने आई, जिसके बाद उसे नालंदा से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके पास से मोबाइल, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, आधार और पैन कार्ड बरामद किए हैं।

कैसे होता है गूगल पर नंबर बदलकर साइबर फ्रॉड?

साइबर अपराधी गूगल सर्च इंजन कस्टमाइजेशन के जरिए कंपनियों, बैंकों, ई-कॉमर्स और फ्लाइट सर्विसेज के कस्टमर केयर नंबर बदल देते हैं। लोग जब इन नंबरों को गूगल पर खोजते हैं, तो ठग खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताकर उनसे बैंकिंग और अन्य वित्तीय जानकारी मांगते हैं और ठगी कर लेते हैं।

साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानियां

साइबर थाना पुलिस ने आम लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है:

  • अज्ञात नंबर से आने वाली कॉल पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
  • गूगल सर्च, गूगल एड्स और सोशल मीडिया पर दिखने वाले कस्टमर केयर नंबर पर भरोसा न करें।
  • हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से नंबर लें।
  • किसी अज्ञात लिंक या यूआरएल पर क्लिक करने से बचें।
  • साइबर ठगी का शिकार होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।
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