रांची : स्पीकर कोर्ट में बाबूलाल मरांडी के खिलाफ हुई सुनवाई- बीजेपी विधायक
और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल के मामले में स्पीकर के न्यायाधिकारण में सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम
से तीन विधायक जीते थे, ऐसे में दो तिहाई बहुमत के साथ ही किसी पार्टी का विलय हो सकता है,
इसीलिए बाबूलाल मरांडी का विलय असंवैधानिक है.
वहीं बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता आरएन सहाय ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि
बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को पहले ही पार्टी से निष्कासित कर दिए थे.
इसलिए वो दोनों पार्टी के मेंबर नहीं थे तो पार्टी के किसी भी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते थे. इसलिए इनके बहुमत की कोई आवश्यकता नहीं है.
राजकुमार यादव ने ये दिया तर्क
पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने पूर्व के कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि
ऐसे मामले में दसवीं अनुसूची का मामला बनता है और इसीलिए बाबूलाल की सदस्यता रद्द होनी चाहिए.
बाबूलाल के अधिवक्ता ने विधानसभा के नियमावली का दिया हवाला
बाबूलाल के अधिवक्ता ने कहा कि राजकुमार यादव और भूषण तिर्की ने 10 महीने बाद इस मामले में शिकायत दर्ज करवाया है जो कि संवैधानिक नहीं है. विधानसभा के नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा प्रावधान है कि अधिक देरी से शिकायत दर्ज होने पर वैध नहीं माना जायेगा. वहीं कोर्ट में प्रिमिलरी ऑब्जेक्शन लेटर भी बाबूलाल के अधिवक्ता ने लेटर दिया है.
9 मई को दीपिका पांडेय की शिकायत पर होगी सुनवाई
वहीं आज दोनों पक्षों को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने आज की सुनवाई को स्थगित कर दिया फिलहाल अगली सुनवाई की तारीख तय नही हुई है. बाबूलाल मरांडी के दल बदल मामले में 9 मई को दीपिका पांडेय की शिकायत पर सुनवाई होगी.
गौरतलब है कि सुनवाई के बीच नए सिरे से लगातार दो तिथियों पर सुनवाई को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. बाबूलाल मरांडी पर झाविमो के सिंबल पर विधानसभा चुनाव 2019 में निर्वाचित होने के बाद भाजपा में शामिल हो गए. मरांडी ने कहा कि उन्होंने झाविमो का विलय भाजपा में नियमानुसार किया है. झाविमो में भाजपा के विलय को निर्वाचन आयोग की मंजूरी भी मिल चुकी है.
रिपोर्ट: मदन सिंह
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