नौकरी करने गुजरात गए विद्यार्थी वापस आए गुमला
गुमला : प्लेसमेंट के नाम पर ठगी– झारखंड के प्रतिष्ठित संस्थान माने जाने वाले
गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज की लापरवाही के कारण छात्र-छात्राएं प्लेसमेंट के नाम पर ठगी के शिकार हुए.
यहां के 168 स्टूडेंट्स से प्लेसमेंट के नाम पर ठगी हुई है.
इस मामले में छात्रों ने गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज में जाकर तालाबंदी पर अड़े रहे.
इसके बाद घंटों हंगामा होता रहा.
कॉलेज प्रशासन के समझाने के बावजूद नहीं मानने पर पुलिस प्रशासन को बुलाना पड़ा.
छात्रों ने आरोप लगाया कि प्लेसमेंट के नाम पर हमलोगों के साथ ठगी किया गया है
और उन्हें नौकरी नहीं दी गई. बल्कि उन्हें काफी खर्च हुआ. आक्रोशित छात्र-छात्रा का कॉलेज में हाई-वोल्टेज हंगामा चलता रहा.
उपायुक्त ने गठित की जांच कमेटी
इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने जिला प्रशासन एवं पुलिस को बुलाना पड़ा. सूचना के बाद कॉलेज परिसर पहुंचे अधिकारियों को छात्रों के गुस्सा का सामना करना पड़ा. मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त ने इस मामले में 5 सदस्य जांच कमेटी गठित कर दी है. यह कमेटी 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट देगी. मामले में जो भी दोषी होगा उस पर जिला प्रशासन कार्रवाई करेगी.
गुमला में गरमाई राजनीति
इधर इस मामले को लेकर गुमला में राजनीति गरमा गई है. लोगों कहना है कि कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के कारण गुमला पॉलिटेक्निक छात्र-छात्राओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. उन्हें वहां कई तरह के मुश्किलों का सामना करना पड़ा एवं काफी रुपए खर्च भी हुए. इधर ठगी के शिकार हुए छात्र-छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से हर्जाना देने की मांग की है.
फर्जी कंपनी के नाम पर प्लेसमेंट का गोरखधंधा
ज्ञात हो कि गुमला पॉलिटेक्निक के छात्र कॉलेज प्रशासन के द्वारा प्लेसमेंट के लिए गुजरात एवं उत्तर प्रदेश भेजा गया था. मगर उन्हें वहां नौकरी पर नहीं मिली एवं उसके साथ रहने के नाम पर रुपए की उगाही की गई. बताया जाता है कि फर्जी कंपनी के नाम पर प्लेसमेंट का गोरखधंधा कॉलेज प्रशासन व कंपनियों के द्वारा किया जाता है, जिससे छात्र-छात्राएं ठगी का शिकार हो जाते हैं.
सामाजिक संगठनों ने की शीघ्र प्लेसमेंट करने की मांग
इधर छात्र-छात्राएं एवं सामाजिक संगठनों ने शीघ्र प्लेसमेंट करने की मांग की है, तथा छात्र-छात्राओं का जो खर्च हुआ है उसे हर्जाना दिलवाने की मांग जिला प्रशासन से की है. ज्ञात हो कि गुजरात के अहमदाबाद के एस के एच वाई टेक् कंपनी के नाम पर मोबाइल के 9 , सिविल के 59 , इलेक्ट्रॉनिक्स के 48 , माइनिंग के 18 और मेकेनिकल के 34 छात्र सहित कुल 168 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया, मगर उन्हें ठगी का शिकार होना पड़ा. इधर जिला प्रशासन मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है.
रिपोर्ट: रणधीर निधि