जमशेदपुऱ-XLRI :
एक्सएलआरआई जमशेदपुर के 2011 बैच के पूर्व छात्र हरि हरा सुब्रमण्यम ने अपनी पुस्तक “हिलेरियस एमबीए मेमोयर्स” लॉन्च की.
ये किताब भारत के सर्वश्रेष्ठ बी स्कूलों में से एक – XLRI जमशेदपुर में उनकी एमबीए यात्रा पर एक हास्यपूर्ण कहानी है.
वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित, “हिलरियस एमबीए मेमॉयर्स” बचपन, कॉलेज और कॉर्पोरेट दिनों
के माध्यम से भारत के सर्वश्रेष्ठ बी स्कूलों में से एक एमबीए ग्रेड के जीवन पर एक प्रफुल्लित करने वाला
आत्मकथात्मक व्यंग्य है. ये रिब-गुदगुदाने वाली स्ट्रेसबस्टर कहानी नायक के जीवन भर के अजीब किस्से,
बचपन में रटने के तरीके से लेकर एमबीए के दिनों में संघर्ष तक
(सीवी, फिश-मार्केट ग्रुप डिस्कशन, सोशल मीडिया पर होने वाली एक्टिविटी , समर इंटर्नशिप, नाइट्स डेट आदि)
की बातों को समेटे हुए युवावस्था से जुड़ी कई संदेशों को देता है.
इसमें एक योग्य कॉर्पोरेट ग्रेजुएट के रूप में अपनी यात्रा के बाद, अरेंज मैरेज के जरिये पत्नी
खोजने के लिए किए जाने वाले संघर्षों का भी उल्लेख किया गया है.
पुस्तक के बारे में बात करते हुए, हरि कहते हैं
“मैंने हमेशा माना है कि हास्य एक तनाव निवारक का बेहतर माध्यम है, और यदि आप दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने में सक्षम हैं,
तो ये स्पष्ट है कि आपने उन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है.
हरि ने कहा कि एक विचार उनके मन में आया, वह यह था कि क्यों न अपनी यात्रा का वर्णन करने वाली पुस्तक
के माध्यम से स्वयं पर हंसा जाऊं. इस तरह पुस्तक के विचार का जन्म हुआ. उन्होंने कहा कि मैं अपने अल्मा मेटर XLRI
जमशेदपुर के प्रति बहुत आभारी हूं, क्योंकि XLRI में बिताए 2 वर्षों ने मेरे व्यक्तित्व को आकार देने,
विभिन्न कौशलों के निर्माण और मुझे अपने कॉर्पोरेट करियर में सफलता
के लिए स्थापित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई.
कहा कि मैं भाग्यशाली था किमुझे देश के कुछ बेहतरीन प्रोफेसरों ने पढ़ाया. जबकि मैंने अपनी पुस्तक में केवल MBA
जीवन के मज़ेदार पक्ष का वर्णन किया है, XLRI में MBA ने भी हमें बहुत सी चीज़ें सीखने में मदद की,
जिसमें – समूहों में काम करना, सहयोग करना, तय समय सीमा में परिणाम देना, प्राथमिकता, प्रस्तुति, विश्लेषण,
मल्टी-टास्किंग, व्यवसाय चलाने के नट और बोल्ट, आदि.
पुस्तक के विमोचन के अवसर पर XLRI के प्रो. मधुकर शुक्ला, कहते हैं, “हमारे छात्रों को अपने जुनून
का पीछा करते हुए और अपने सपनों को साकार करते हुए देखना वास्तव में खुशी की बात है.
मैं हरि को पुस्तक और उनके भविष्य के लेखन प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं.”