रांची : चार सूत्री लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ झारखंड के शिक्षक
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काला बिल्ला लगाकर आंदोलन करेंगे. आंदोलन की शुरुआत आगामी 4 और 5 नवंबर को
प्रदेश के भर के शिक्षक कार्य करेंगे. वहीं 7 से 12 अक्टूबर को स्थानीय जनप्रतिनिधि को
मांगो से संबंधित ज्ञापन सौंपा जाएगा. उक्त जानकारी अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के
मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने दी.
उन्होंने बताया कि आंदोलन को सफल बनाने के लिए प्रखंड, जिला
और प्रमंडलवार सघन जनसंपर्क अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है.
शिक्षकों की ये है रणनीति
संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे महासचिव राममूर्ति ठाकुर व मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं हुई तो 19 नवंबर को सीएम आवास का घेराव करेंगे. उस दौरान शिक्षकों का जनसैलाब राजधानी रांची की सड़को में उमड़ेगा. इसके बाद भी बात नहीं बनी तो अंतिम चरण में 17 दिसंबर से अनिश्चितकालीन अनशन आंदोलन पर चले जाएंगे.
सचिवालयकर्मी की तरह मिले वेतन
संघ के नेताओं ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षकों की अस्मिता वर्तमान समय में खतरे में है. अधिकारियों की शोषण, हिटलरशाही, पक्षपात पूर्ण एवं उपेक्षाओं से तंग आकर फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि हमारी चिरलंबित मांगों में बिहार सरकार की तर्ज पर MACP लाभ (सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना लागू करना) छठे वेतनमान में विसंगति को दूर कर शिक्षकों के लिए अपग्रेड वेतनमान सचिवालयकर्मी की तरह लागू हो. अंतर जिला स्थानांतरण में आ रही रुकावट को दूर करे. शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य एवं लिपिकीय काम से शिक्षकों को मुक्त करना आदि मुख्य रूप से शामिल है.
आंदोलन को मजबूर हैं शिक्षक
मालूम हो की प्रदेश कार्यसमिति के निर्णय के आलोक में अपने मांगें नहीं पूरी होने के कारण शिक्षक आंदोलन को मजबूर है. कार्यक्रम को सफल बनाने में असदुल्लाह, दीपक दत्ता, अनूप केशरी, अनिल कुमार सिंह, राकेश कुमार, अजय ज्ञानी, उपेंद्र कुमार, श्रीकांत सिन्हा, हरेकृष्ण चौधरी, बाल्मिकी कुमार, प्रभात कुमार, अवधेश कुमार, अजय कुमार, अनिल खलखो, कृष्णा शर्मा, सलीम सहाय, रामचंद्र खरवार, सुरंजन कुमार, मानी उरांव, संजय कांडूलना, संजय कुमार, सच्चिनानद सिंह, राम विनोद चौधरी, महेश्वर घोष, हरीश कुमार, जुवेल हांसदा, पवन ठाकुर, आनंद रजक, राधेकांत कुमार सहित कई लोग शामिल हैं.
रिपोर्ट: शाहनवाज