रांचीः झारखंड की युवा कवि, लेखिका, स्वतंत्र पत्रकार जसिंता केरकेट्टा कोस्टारिका की राजधानी सेन जोश में आयोजित राइट्सकॉन के 12वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगी. भारत से इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और आदिवासियों ख़ास कर स्त्रियों का पक्ष, उनको लेकर अपने अनुभव रखने वाली वे पहली युवा कवि व लेखिका होंगी. इस सम्मेलन में एशिया इंडिजिनस पीपल्स पैक्ट, थाइलैंड की ओर से “आदिवासी स्त्रियां कैसे अपने नैरेटीव पर नियंत्रण हासिल करें ” इस विषय पर इंडिजिनस स्त्रियों का एक दल यहां अपने अनुभव साझा करेंगी. जसिंता केरकेट्टा अपने अनुभव रखने के साथ साथ अपनी कुछ कविताएं भी पढ़ेंगी.
यह राइट्सकॉन शिखर सम्मेलन करीब 11 सालों से अलग अलग देशों में आयोजित हो रहा है. 2011 में, एक्सेस नाउ संस्था ने पहली बार राइट्सकॉन (तब सिलिकॉन वैली मानवाधिकार सम्मेलन) की मेजबानी की थी. एक नागरिक समाज के नेतृत्व वाली जगह जहां सभी हितधारक – तकनीकी कंपनियों से लेकर सरकारी प्रतिनिधियों से लेकर मानवाधिकार रक्षकों तक – एक साथ आकर अधिकारों का सम्मान करने वाले डिजिटल भविष्य का निर्माण कर सकें, इस मकसद से इसकी शुरुआत हुई. तब से, राइट्सकॉन पांच महाद्वीपों के बीच घूमता रहा है और एक आंदोलन की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए आकार और दायरे दोनों में विकसित हुआ है.
इस वर्ष न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधान मंत्री जैसिंडा अर्डर्न भी इसका हिस्सा होंगी. इस मंच से दुनिया के कई महत्वपूर्ण लोग अपनी बातें साझा करेंगे. यह कार्यक्रम 5 जून से 8 जून तक कोस्टा रिका में चलेगा.