रांची: जेएमएम कल्पना सोरेन के साथ हेमंत सोरेन को लोकसभा चुनाव लड़ाने को लेकर गंभीरता से विचार कर रहा है इसको लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में लगातार मंथन हो रहा है.
मामले पर पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि पार्टी राज्य के आदिवासी वोट के साथ लोकसभा में स्थानीय वोटोरों को भी अपने पक्ष में मोड़ने के लिए यह कदम उठाने पर विचार कर रही है.
वर्तमान परिस्थिति में इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जेएमएम को आदिवासी और स्थानीय का वोट मिल भी जाए.
माना जा रहा है कि कुछ दिनों पहले होटवार जेल में राज्य के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के बीच मुलाकात भी इसी सिलसिले में हुई थी. जेएमएम का एक धड़ा पार्टी के इस निर्णय के पूरी तरह खिलाफ है. इनका कहना है कि इसी साल विधानसभा चुनाव राज्य में होना है.
राज्य में बीजेपी से सीधा मुकाबला करने की ताकत सोरेन परिवार के अलावा फिलहाल किसी के पास नहीं है. ऐसी परिस्थिति में कल्पना और हेमंत सोरेन का लोकसभा चुनाव लड़ना कहीं से उचित नहीं हैं.
विपक्षी गठबंधन में रहते हुए जेएमएम पूरी ताकत के साथ लड़े तो ज्यादा अच्छा है. अगर विधानसभा चुनाव में सोरेन परिवार विपक्ष का चेहरा नहीं होता है तो इसका सीधा लाभ भाजपा को जाएगा.
भाजपा आसानी से सत्ता में लौट आएगी. जेएमएम भी चाहता है कि विपक्षी गठबंधन मजबूती के साथ लड़े इसे लेकल कांग्रेस, वामदल , राजद के बीच सीट शेयरिंग को लेकर लगभग बातें तय हो गई है. झामुमो के खाते में 5 सीट कांग्रेस के खाते में 7 और वामदल और राजद को 1-1 सीटें मिली हैं.