बिष्टुपुर गैरेज गांव में गंदगी का अंबार, JNAC ने छोड़ा अपने हाल पर

जमशेदपुर : जमशेदपुर के बिष्टुपुर गैरेज गांव के निकट व्याप्त गंदगी महामारी को आमंत्रित कर रही है. लेकिन जेएनएसी को इससे कोई मतलब नहीं है. स्थानीय गैरेज गांव के लोगों को जेएनएसी ने उनके हाल पर छोड़ दिया है.

बिष्टुपुर गैरेज गांव के सड़क को देखकर आपको भी जाने का मन नहीं करेगा. इस सड़क से क्या आम क्या खास हर लोग इस रास्ते से गुजर कर पार्वती श्मशान घाट जाते हैं. पर इस सड़क के इर्द-गिर्द चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जो केवल महामारी को ही नहीं बल्कि एक बड़ी दुर्घटना को भी आमंत्रित कर रहा है. इस गंदगी में पड़े प्लास्टिक के कचरों में कई बार भीषण आगजनी की घटना भी घटी है. वहीं गैरेज गांव के जनरल सेक्रेटरी गुलाम जिलानी का कहना है कि स्थिति दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है. लेकिन इसको देखने और सुनने वाला कोई नहीं है. कई बार आगजनी की घटना घटी. फिर भी जिला प्रशासन की नींद नहीं खुली.

दूसरी तरफ अगर हम वैश्विक महामारी की बात करें तो संक्रमण का खतरा बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं स्वच्छता की अलख जगा रहे हैं. लेकिन जेएनएसी की सुस्त रवैया, विभाग की लापरवाही और विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए गैरेज गांव के सचिव मोहम्मद जहरूदन ने बताया कि इस गैरेज गांव में 144 दुकान है, जहां हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना होता रहता है. जिस सड़क पर कचरा फैला है उस सड़क से पार्वती श्मशान घाट शहर के प्रबुद्ध लोग आना-जाना करते हैं. कचरे की निष्पादन की समुचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से खुले में गंदगी पड़ी हुई है. कई बार जेएनएसी को आवेदन दिया लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

गैरेज गांव में डीजल-पेट्रोल की गाड़ियां मरम्मती के लिए आती है. रात भर यहां गाड़ियां खड़ी रहती है. ऐसे में जान जोखिम में डालकर यहां मजदूर अपना काम करने के लिए मजबूर हैं. क्योंकि एक छोटी सी चिंगारी की वजह से पूरा क्षेत्र आग की चपेट में आ सकता है. गैरेज गांव के प्रेम विश्वकर्मा ने कहा कि आगजनी के साथ-साथ महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. पहले विभाग द्वारा कचरे के निष्पादन की समुचित व्यवस्था थी, लेकिन अब डस्टबिन को भी हटा दिया गया है. उन्होंने जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द कचरे का उठाव किया जाए ताकि यहां के लोग सुरक्षित रह सके.

रिपोर्ट: लाला जब़ी

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