JTET अभ्यर्थियों ने 9 साल से परीक्षा न होने पर विधानसभा मार्च किया। B.Ed-D.El.Ed प्रशिक्षित छात्रों ने सरकार से जल्द परीक्षा कराने की मांग की।
रांची: JTET का आयोजन 9 साल से न होने पर अभ्यर्थियों का गुस्सा आखिर फूट पड़ा। मंगलवार को बड़ी संख्या में B.Ed और D.El.Ed प्रशिक्षित छात्र-छात्राएं छात्र अधिकार मंच के बैनर तले पुराने विधानसभा से नए विधानसभा तक आक्रोश मार्च निकाला।
अभ्यर्थियों का कहना है कि राज्य में 2016 के बाद से JTET परीक्षा नहीं कराई गई, जिससे लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। आंदोलन में शामिल छात्रों ने आरोप लगाया कि “सरकार ने चार महीने में दारू नीति बना दी, लेकिन 9 साल में JTET परीक्षा नहीं करा पाई।”
महिला अभ्यर्थियों ने भी सरकार से सवाल किया कि जब राज्य में “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” की बात की जाती है तो बेटियों को शिक्षक बनने का हक क्यों नहीं दिया जा रहा। एक अभ्यर्थी ने कहा, “बच्चों को पढ़ाने की उम्र में हम खुद परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, यह हमारे साथ नाइंसाफी है।”

Key Highlights:
9 साल से JTET परीक्षा लंबित, अभ्यर्थियों में गुस्सा और निराशा।
छात्र अधिकार मंच के बैनर तले विधानसभा मार्च, बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की भागीदारी।
B.Ed और D.El.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मुख्य मांग– जल्द JTET परीक्षा आयोजित हो।
अभ्यर्थियों का आरोप, “दारू नीति बन गई लेकिन शिक्षक पात्रता परीक्षा पर सरकार चुप।”
महिला अभ्यर्थियों ने भी सरकार से “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” नारे को सार्थक करने की अपील की।
पिछली बार 2016 में JTET आयोजित हुई थी, उसके बाद से लाखों छात्र इंतजार में।
अभ्यर्थियों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही JTET परीक्षा की अधिसूचना जारी नहीं की गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। मार्च में 24 जिलों से आए छात्रों ने हिस्सा लिया और विधानसभा परिसर तक जोरदार नारेबाजी की।
गौरतलब है कि झारखंड में पिछले 25 सालों में केवल दो बार JTET परीक्षा हुई है। जबकि पड़ोसी राज्य बिहार और अन्य राज्यों में यह परीक्षा नियमित रूप से होती है। छात्रों ने मांग की कि अबकी बार सरकार जल्द से जल्द परीक्षा की तिथि घोषित करे ताकि वे शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकें।
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