गया : गया ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में 1999 में Kargil War में शहीद हुए परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा के सर्वोच्च बलिदान की 25वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस दौरान गया ओटीए में दो जुलाई से सात जुलाई तक विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत शनिवार की ओटीए के विजय ऑडिटोरियम में विशेष व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विक्रम बत्रा अदम्य साहस और उनके की जीवनी के बारे में बतलाया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई विशाल बत्रा उनके पिता गिरधारी लाल बत्रा और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान शहीद हुए स्वर्गीय द्वितीय लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के भाई मुकेश खेत्रपाल और ऑपरेशन विजय के दौरान 13वीं बटालियन जम्मू और कश्मीर रायफल्स के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी ने कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा के अदम्य साहस की कहानी सुनाई। इसे सुन उपस्थित कैडेट्स के साथ अन्य लोगों ने दातों तले उंगलियां दबा लिया।
वहीं प्रोजेक्टर के माध्यम से कारगिल युद्ध (Kargil War) के दृश्य को भी दिखाया गया। जिसमें कि किस तरह से विक्रम बत्रा अपने अन्य साथियों के साथ कैसे पहाड़ की ऊंची चोटी पर पहुंच कर दुश्मनों के दांत खट्टे किए और शहीद हो गए थे। उन्होंने काफी कम उम्र में ही काफी बड़ी उपलब्धि हासिल कर लिया था। वहीं शहीद एवं परम चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता और जुड़वा भाई ने विक्रम बत्रा के जीवन के बारे में विस्तार से लोगों को बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह से विक्रम बत्रा फौज में शामिल हुए और दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे।
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आशीष कुमार की रिपोर्ट