‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के विरोध में ये पार्टियां, जानिए समर्थन में कौन-कौन है

वन नेशन वन इलेक्शन

Desk. बड़ी खबर सियासत से आ रही है। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर बना हाईलेवल कमेट ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। इसका चार राष्ट्रीय दलों ने विरोध किया है। इनमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) शामिल हैं। वहीं भाजपा ने इसका समर्थन किया है।

बता दें कि वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक हाईलेवल कमेटी बनी थी। इस कमेटी को देश में वन नेशन वन इलेक्शन के बार में अनुसंधान कर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। इस कमेटी में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं।

‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के समर्थन में

वहीं देश में वन नेशन वन इलेक्शन के पक्ष में चार पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबडे और जस्टिस यूयू ललित है। हालांकि हाईकोर्ट के तीन पूर्व चीफ जस्टिस और एक पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर आपत्ति जताई है।

‘वन नेशन वन इलेक्शन’ इतनी पार्टियां विरोध में

रिपोर्ट के अनुसार, देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कराने को लेकर हाईलेवल कमेटी ने 62 पार्टियों से राय मांगी थी, जिनमें से 47 ने अपने विचार रखे। इनमें 32 पार्टियो ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन किया, जबकि जबकि 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया और 15 पार्टियों ने इस पर कुछ भी नहीं कहा।

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