Patna – मठ मन्दिर बचाओ अभियान समिति ने विधि विभाग और धार्मिक न्यास परिषद के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की जरुरत है. महावीर मठ के महेन्द्र दास ने कहा है कि इतने वर्षों से जिनके द्वारा मठ और मन्दिर की देखभाल की जा रही है, उसे मठ और मन्दिरों के स्वामित्व से वंचित नहीं किया जा सकता.
बता दें कि बिहार सरकार ने अब तक मठ-मंदिरों की 30 हजार एकड़ ऐसी जमीन को चिह्नित किया है, जिस पर अवैध कब्जा है. ऐसी सभी जमीनों का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है, सरकार की मंशा इस जमीन पर आम सहमति से स्कूल, कालेज, पार्क का निर्माण करने की है. मठ-मंदिरों की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर खूनी संघर्ष होता रहा है और तो और पुजारियों की हत्या भी की जाती रही है.
बिहार सरकार मठ-मंदिरों की जमीन पर से अवैध कब्जे को हटाकर इसकी सुरक्षा के लिए सख्त कानून लाने की तैयारी में है. विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि बिहार सरकार यह नहीं चाहती कि अयोध्या की तरह बिहार में भी किसी मंदिर पर कब्जा किया जाए. भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पांच सौ साल तक जो लड़ाई लड़ी गई, वैसी परिस्थिति का निर्माण बिहार में नहीं हो इसको लेकर सरकार सजग है. बिहार सरकार मठ-मंदिरों की जमीन को अवैध कब्जा से मुक्त कराकर सुरक्षित करना चाहती है. साथ ही इस पर स्कूल, कॉलेज और पार्क का निर्माण कर सामाजिक कार्यों को करना चाहती है. सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है.