भाजपा ने सम्राट अशोक की जयंती पर NDA को बताया एकजुट, JDU कल मनाएगी जयंती

सम्राट अशोक की जयंती मनाने वाली बीजेपी एकलौती पार्टी- सम्राट चौधरी

पटना : भारतीय जनता पार्टी द्वारा आज भव्य स्तर पर सम्राट अशोक की

जयंती समारोह कार्यक्रम का आयोजन पटना में किया गया है.

बीजेपी और जदयू के द्वारा अलग-अलग सम्राट अशोक की जयंती मनाने पर

बिहार सरकार के मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बीजेपी एकलौती पार्टी है जो सम्राट अशोक की जयंती मना रही है.

इसके अलावा जो लोग जयंती मना रहे हैं वह किसी संगठन के द्वारा जयंती का आयोजन किया गया.

हमें गर्व है कि हम सम्राट अशोक की जयंती मना रहे हैं.

एनडीए पूरी तरीके से एकजुट है जिसका परिणाम कल सभी को देखने को मिला. 13 सीट पर हमने जीत दर्ज की.

बीजेपी और जदयू अलग-अलग तिथि में मना रहे जयंती

सम्राट अशोक की जयंती बीजेपी के द्वारा आज मनायी जा रही है.

जिसका आयोजन पटना में किया गया है.

वहीं जदयू ने 9 अप्रैल को उनकी जयंती मनाने का फैसला लिया है.

एनडीए में शामिल होने के बावजूद दोनों पार्टी अलग-अलग तिथि में सम्राट अशोक की जयंती मना रहे हैं.

अब उस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. क्योंकि उन्हें अशोक के नाम पर एक बड़ा ओबीसी वोट बैंक भी दोनों दलों को दिख रहा है.

दोनों पार्टी का ये है तर्क

सम्राट अशोक की जयंती मनाने का तर्क भी बीजेपी और जदयू का अलग-अलग है. चूंकि सम्राट अशोक की जन्म तिथि का कोई साक्ष्य नहीं है. और उनका जन्म 304 ईसा पूर्व यानी करीब 2300 साल पहले इतिहासकार बताते हैं. इससे पहले 2015 में नीतीश सरकार ने सम्राट अशोक की जयंती पर छुट्टी का भी ऐलान किया था. दोनों दलों के पास अपने-अपने आधार पर जंयती मनाने का अधिकार है. क्योंकि उसके बाद राजनीतिक दलों ने, न केवल सम्राट अशोक की जाति का पता लगाया बल्कि उनकी जन्म तिथि भी पता कर डाली.

यूपी के डिप्टी सीएम सहित बिहार बीजेपी के कई नेता रहे मौजूद

इस कार्यक्रम में बिहार प्रभारी सह केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल सहित बिहार बीजेपी के सभी नेता और मंत्री मौजूद रहे.

सम्राट अशोक के वंशज हैं सभी भारतीय- केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारत की धरती पर जितने लोग हैं वे सभी सम्राट अशोक के वंशज हैं. इस पर हमें गर्व होना चाहिए. वर्तमान में अखंड भारत की सीमा को कोई आंख दिखाएगा तो आंख निकालने का सामर्थ्य भारत के अंदर है.

क्यों खास हुए सम्राट अशोक

वैसे तो सम्राट अशोक की चर्चा आम तौर पर उनके बौद्ध धर्म के संरक्षण उसके विस्तार और उनकी शासन प्रणाली को लेकर होती है. लेकिन 2014 में जब भाजपा नेता सूरजनंदन कुशवाहा ने अशोक जयंती पर यात्रा निकाली थी, तो उस वक्त अशोक को कुशवाहा जाति का बताया था. और उसके बाद से अशोक को इसी जाति से जोड़कर देखा जाता है. ऐसा नहीं है कि सम्राट अशोक का राजनीतिक असर केवल बिहार में ही दिखता है. बल्कि हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल के इलाकों में ओबीसी वोटरों को लुभाने के लिए सम्राट अशोक की जरूरत राजनीतिक दलों को करनी पड़ी थी.

रिपोर्ट: प्रणव राज

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