रांची : बच्चों की बेबसी पर सीएम की पहल- राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में बढ़ती गर्मी को देखते हुए
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ी पहल की है.
उन्होंने कहा कि अब स्कूल की बसें ट्रैफिक पुलिस एम्बुलेंस की तरह रास्ता क्लियर कराएंगे.
इसमें कहां तक सफलता मिलेगी इसका हम अभी दावा नहीं कर सकते,
लेकिन आम लोगों से भी मेरी अपील है स्कूल बसों को रास्ता दें.
बता दें कि तापमान में लगातार हो रही वृद्धि और स्कूली बच्चों की बेबसी देख सीएम हेमंत भी चिंतित हैं.
छोटे बच्चों की स्कूल बसों को एंबुलेंस की तरह रास्ता मिले
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने दो वर्ष तक कठिन दौर को देखा है.
दो वर्ष की कमी को पूरा करने का प्रयास करेंगे.
अभी के समय में गर्मी बेतहाशा बढ़ रही है. ऐसे में स्कूल बसों को एंबुलेंस की तरह रास्ता मिले,
ताकि छोटे बच्चों को जल्दी घर पहुंचने में सुविधा हो. इस संबंध में जल्द ही सरकार निर्णय लेगी.
हालांकि अबतक इसपर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. आम लोगों को भी इस विषय पर विचार कर स्कूल बसों को रास्ता देने का प्रयास करना चाहिए.
डायमंड जुबली ब्लॉक का सीएम ने किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संत जेवियर्स स्कूल डोरंडा के 62 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित नव सृजन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्कूल के नवनिर्मित डायमंड जुबली ब्लॉक का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शामिल हुए और उनकी प्रस्तुति की सराहना की. साथ ही, स्कूल की पुस्तिका इंडेवर (Endeavour) का विमोचन किया.
झारखंड के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण विषयों में एक है
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल अपना डायमंड जुबली मना रहा है, साथ ही नए भवन का भी उद्घाटन हुआ है. बच्चों को नया भवन समर्पित हुआ. मैं इस स्कूल में एक पैरेंट्स की भूमिका में भी हूं. यहां की कार्यशैली से मुझे लगाव है. शिक्षा को लेकर मेरी चिंता बनी रहती है. राज्य की जिम्मेवारी हमारे ऊपर है. झारखंड के लिए शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण विषयों में एक है. राज्य अगर शिक्षा के क्षेत्र में कहीं विशेष जगह बनाता है तो इसमें ऐसी संस्थाओं का बहुत बड़ा योगदान है.
देश में स्कूल की एक अलग पहचान है
उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से ऊपर के सफर में कई उतार-चढ़ाव भी स्कूल ने देखें हैं. आज भी उसी उत्साह, ताकत और क्षमता के साथ स्कूल दिशा तय कर रहा है. देश में स्कूल की एक अलग पहचान है. चुनौतियों के बावजूद अपने मुकाम तक पहुंचना कठिन होता है. फादर अजीत खेस की भूमिका सिर्फ कैंपस के आसपास नहीं बल्कि उनकी दूरदर्शिता कई मायनों में खास है. स्कूल का प्रयास सदैव आगे बढ़ने का रहा है.
मौके पर संत जेवियर्स स्कूल के प्रिंसिपल रेवरेन फादर अजीत खेस एसजे, रेवरेन विनय कंडूलना, रेक्टर एलेक्स एक्का एवं अन्य उपस्थित रहे.
रिपोर्ट: मदन सिंह