बेतियाः अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को भगवान का दर्जा दिया जाता है. और जब डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ शैतानों जैसी हरकत करने लगे तो फिर आप क्या कहेंगे. दरअसल दवा लिखने को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि नर्सिंग अस्पताल और जूनियर डॉक्टरों में जमकर मारपीट हुई. इस दौरान इलाज कराने आये मरीज और उनके परिजन किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से निकले. बताया जा रहा है दवा लिखने को लेकर नर्सिंग स्टाफ और जूनियर डॉक्टरों के बीच पहले विवाद हुआ बाद में विवाद हिंसक हो गया. घण्टों बाद एसडीपीओ मुकुल परिमल पांडे दल बल के साथ पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण किया.
पुलिस लेगी सीसीटीवी का सहारा, होगी कार्रवाई
मारपीट के बाद अस्पताल से मरीज वापस निकल रहें हैं, वहीं इस हिसंक झड़प के बाद अस्पताल परिसर में तनाव की स्थिति बनी हुई है. प्रशासन ने बताया कि जीएमसीएच में एक सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. सीसीटीवी के जरिये पहचान कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. इलाज कराने आये मरीजों ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की है. आधा दर्जन नर्सिंग स्टाफ घायल है, जिनका इलाज चल रहा है. जूनियर डॉक्टरों को इस दौरान जो मिला उसे तोड़ा फोड़ा. करीब तीन घण्टे तक अस्पताल रणक्षेत्र बना रहा.
अस्पताल परिसर में इस तरह की झड़प अस्पताल प्रबंधन और उनके अनुशासन की पोल खोलता है. वहीं इलाज कराने आये मरीजों में असुरक्षा की भवना पैदा करता है. 850 करोड़ की लागत से बना ये अस्पताल मरीजों के इलाज के बनाया गया था. पर जूनियर डॉक्टरों की हरकत देख फिर कभी कोई इस अस्पताल में आने की हिम्मत नहीं करेगा.