मुजफ्फरपुर : बिहार सरकार में सत्तारूढ़ दल जदयू के पूर्व विधायक ने अपने ही पार्टी के एमएलसी पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है. उन्होंने बिहार में हुए पंचायत चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. जिला में होने वाले जिला परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव को टालने की मांग सीएम नीतीश कुमार से की है.
जिला के गायघाट के पूर्व विधायक महेश्वर यादव ने अपने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि जिला में होने वाले जिला परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव को टाल दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने जदयू के पूर्व एमएलसी दिनेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह मुज़फ्फरपुर के मीनाक्षी होटल में पैसे के दम पर चुने हुए जिला पार्षदों को खरीदकर पंचायती राज पर कब्जा करने की फिराक में है. इसके साथ ही उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि दिनेश सिंह ही पहले शख्स थे जिन्होंने पैसे के दम पर अपनी पत्नी को जिला पार्षद समिति का अध्यक्ष बनाया था और उनके बाद ही बिहार में पंचायती चुनाव में पैसे के दम पर खरीद फरोख्त की परंपरा की शुरुआत हुई.
गौरतलब है कि महेश्वर प्रसाद यादव मुजफ्फरपुर जिले के अंतर्गत आने वाले गायघाट विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में उनको आरजेडी के प्रत्याशी ने चुनाव हरा दिया था. महेश्वर प्रसाद यादव के खिलाफ दिनेश सिंह की बेटी कोमल सिंह लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ी थी. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कोमल सिंह के विधानसभा चुनाव लड़ने के पीछे उनके पिता दिनेश सिंह की ही रणनीति थी. विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद मीडिया में यह खबर भी आई कि दिनेश सिंह को जेडीयू ने निष्कासित कर दिया है लेकिन लोजपा में दो फार होने के बाद दिनेश सिंह की पार्टी में वापसी हो गई और उनकी पत्नी वीणा देवी चिराग ग्रुप छोड़कर पारस गुट के साथ चली गई.
आपको बता दें कि दिनेश सिंह जनप्रतिनिधि कोटे से बिहार विधान परिषद के सदस्य चुने जाते हैं. जिसमें पंचायत प्रतिनिधि मतदान करते हैं. बिहार में हाल ही में विधान परिषद का चुनाव होने वाला है, उससे पहले जिस तरीके से जेडीयू के दो नेताओं का झगड़ा सार्वजनिक रूप से बाहर आया है उसको देखकर तो यह साफ कहा जा सकता है कि मुजफ्फरपुर जेडीयू में सब कुछ ठीक नहीं है. हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब दिनेश सिंह का नाम राजनीतिक तौर पर विवादों में आया हो इससे पहले विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का चुनाव कई मौकों पर दिनेश सिंह राजनीतिक तौर पर विवादों में रहे हैं.