Ranchi– स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के कटौती प्रस्ताव पर बोलते हुए जेएमएम विधायक बैजनाथ राम ने दावा किया है कि कोविड के कारण स्कूलों से बाहर गए चार लाख बच्चे फिर से स्कूलों में वापस आ गए हैं. इस बार सबसे अधिक बजट शिक्षा विभाग का ही है. सरकार कई नई योजनाओं को लागू कर रही है.
अंनत ओझा ने कहा है कि कोविड के समय स्कूली शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्वीकार किया था कि शिक्षा व्यवस्था में गिरावट आयी है. कोविड के बाद सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने का दावा किया गया था. लेकिन अब तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ.अनंत ओझा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मंत्री बतायें कि उनका घोषणा पत्र कहां है. स्कूलों ने अब तक फीस माफ क्यों नहीं किया.
भाजपा विधायक नीरा यादव ने कटौती प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए कहा कि शिक्षकों शिक्षण कार्य से हटाकर दूसरे कामों में लगाया जा रहा है. सरकार गुणवता पूर्ण शिक्षा देने बजाय लोगों को भाषा विवाद में उलझा रही है. उर्दू को लाकर हिन्दी को हटाया जा रहा है. पारा शिक्षक ऊपर शांत है, लेकिन उनके अंदर आग लगी है, उनकी मांग मानदेय की नहीं होकर वेतनमान की है. सरकार आउटसोर्सिंग के माध्यम से डेढ़ से दो लाख बाहरी लोगों को नौकरी दे रही है जबकि दूसरी ओर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में स्थानीय लोगों को नौकरी देने की बात कर रही है.
कांग्रेस के विधायक राजेश कच्छप ने अनुदान मांग के समर्थन में कहा कोविड महामारी में टीकाकरण मोनेटरिंग से लेकर राशन वितरण का काम करने वाले शिक्षकों को सलाम.