राज्यपाल ने वापस लौटाया मॉब लिंचिंग बिल , ‘भीड़’ को फिर से परिभाषित करने की नसीहत

बहुचर्चिच मॉब लिंचिंग बिल राज्य सरकार को वापस

Patna– बहुचर्चिच मॉब लिंचिंग विधेयक को अपनी कई आपत्तियों के साथ राज्यपाल रमेश वैस ने राज्य सरकार को वापस कर दी है.

इस प्रकार इस मोर्चे पर राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. इस मुद्दे पर भाजपा प्रवक्ता प्रतुल नाथ शाहदेव ने कहा कि भाजपा शुरु से ही इस विधेयक के विरोध में खड़ी थी, इसके कई प्रावधान राज्य की बहु संख्यक आबादी के खिलाफ थी. पुलिस को असीमित शक्तियां दी गयी थी. अब राज्यपाल ने विधेयक को वापस कर भाजपा के द्वारा उठाये जा रहे प्रश्नों को सही ठहराया है.

बताया जा रहा है कि बिल के हिन्दी और अंग्रेजी वर्सन में कई असमानतायें है, इसके साथ ही बिल में दो या दो से अधिक लोगों को भीड़ माना गया है, बिल में आज की जरुरतों के हिसाब से बदलाव की जरुरत है.

यहां बता दें कि करीबन दो माह पहले ही विधान सभा को बिल को पास कर मंजूरी के लिए राज भवन के पास भेजा गया था.  बिल में जुर्मानेे के साथ ही संपति की कुर्की और तीन साल से आजीवन कारावास का प्रावधान रखा गया है.  यदि मॉब लिंचिंग में किसी की मौत हो जाती है तो आरोपी को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.

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