Friday, August 1, 2025

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क्या बंगले की तरह पाला भी बदलेंगे नीतीश कुमार? जारी है बिहार में अटकलों का दौर

क्या बंगले की तरह पाला भी बदलेंगे नीतीश कुमार

Patna-क्या बंगले की तरह पाला भी बदलेंगे नीतीश कुमार- बिहार के राजनीतिक गलियारों में हर व्यक्ति के अपने दावे है,

सियासी बाजार गर्म है, अटकलों का दौर जारी है.  किसी का आकलन नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनने की है तो कोई उन्हे

उपराष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठा रहा है.  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा अपना आवास बदलने के साथ ही “इन कयासों के

जादूगरों” ने अपने दावों को और भी तेज कर दिया है.

राज्य सभा में जाने की चर्चा से मिला अफवाहों को बल

दरअसल इसकी शुरुआत नीतीश का राज्य सभा जाने की कथित इच्छा के साथ होती है. यह अलग बात है कि खुद मुख्यमंत्री

नीतीश कुमार के द्वारा ही इसका खंडन कर इस अफवाह पर विराम लगाने की कोशिश की गई.

लेकिन अफवाह हवा में तैरती रही, इस बीच उन्हे उपराष्ट्रपति बनाने की अफवाह भी फैली,

यह खबर सामने आयी राजनीतिक रणनीतिकार पीके के हवाले से.

कहा गया कि विपक्ष उन्हे उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाना चाहता है और इसके लिए तेलागंना

के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर और तमिलनाडू के मुख्यमंत्री स्टालिन के साथ ही ममता बनर्जी का वरदहस्त प्राप्त है. लेकिन एक

बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका खंडन कर दिया.

तेज प्रताप यादव ने अपने ट्विटर एकाउन्ट पर लिखा “इन्ट्री नीतीश चाचा”

लेकिन एक संकेत तब मिला जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से काफी दिनों से खार खाये तेज प्रताप ने अपने ट्विटर एकाउन्ट पर

नीतीश कुमार के “इन्ट्री नीतीश चाचा” का बोर्ड लगा दिया.

किसी ने इस बात को सिरियस लेने की जहमत नहीं उठायी, लेकिन उसका असर कुछ ही दिनों में दिखा.

जब एकबारगी नीतीश कुमार राबड़ी आवास में आयोजित दावत-ए-इफ्तार में शामिल होने पहुंच गये,

यहां जिस भाव भंगिमा के साथ उनका स्वागत

हुआ, गलबहियां हुई उससे एक बार फिर से राजनीति गरम हो गयी.

साम्प्रदायिक धुर्वीकरण और उन्माद की राजनीति से खफा है नीतीश कुमार 

कहा जाने लगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना पाला बदल सकते हैं. कहा यह भी जाता है कि कुछ दिनों से देश में

साम्प्रदायिक धुर्वीकरण और उन्माद से वह अन्दर ही अन्दर नाराज चल रहे हैं.

भाजपा की ओर से जिस प्रकार की साम्प्रदायिक राजनीति की जा रही है, उससे वह अपने आप को सहज नहीं पा रहे हैं. उनकी

कोशिश किसी प्रकार 2024 तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने की है, लेकिन वह इसके लिए एक सीमा से आगे झुकना नहीं

चाहते.

उनकी कोशिश 2024 या उसके कुछ पहले तक अपने गरिमा से समझौता किये बिना मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने की है.

उसके बाद तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनवा कर वह केन्द्र की राजनीति में सक्रिय होने की है.

नीतीश कुमार के नाम पर एकमत नहीं है विपक्ष 

लेकिन सच्चाई यह भी है कि आज का विपक्ष नीतीश कुमार को विपक्ष का चेहरा बनाने पर एकमत नहीं है. विपक्षी खेमे में

नीतीश कुमार के नाम पर विरोध के स्वर है, इस परिस्थितियों में शायद नीतीश कुमार की कोशिश 2024 में विपक्ष की ओर से

एक बड़ा चेहरा बन कर सामने आने की है. भले ही वह प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं हो.

अमित शाह को रिसिव करने एयरपोर्ट पहुंचने पर एक बार फिर से बदला आकलन  

लेकिन दावत-ए- इफ्तार के लौटे नीतीश कुमार ने एक और राजनीतिक पासा फेंक दिया, बाबू कुंवर सिंह की याद में

विजयोत्सव के लिए पटना पहुंचे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को रिसिव करने वह एयरपोर्ट पहुंच गये.

इससे यह संदेश गया कि  एनडीए खेमे में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है.

विपक्षी खेमें को बंगले में बदलाव से मिल रहा है राजनीतिक बदलाव का संकेत 

लेकिन अब विपक्षी दल जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, बंगला बदलने को बिहार में बदलाव का संकेत मान रही है.

वहीं राजद का  दावा है कि सरकार में  All is wellनहीं है.  दरअसल  बिहार की सत्ता की

चाभी नीतीश कुमार के हाथ में है और यह बात  भाजपा और राजद दोनों को पता है.

किसी भी बदलाव से इनकार कर रही भाजपा 

यही कारण है कि भाजपा हर बार बिहार की राजनीति में किसी भी बदलाव से इनकार कर रही है.

साथ ही यह दिखलाने की  कोशिश कर रही है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है.

मुख्यमंत्री आवास में बदलवा पर भाजपा प्रवक्ता विनोद  शर्मा ने कहा है कि अणे मार्ग में मेंटेनेंस का काम होना है.

बस यही कारण है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 7 सर्कुलर रोड वाले बंगले में शिफ्ट हो गए हैं.

रिपोर्ट-शक्ति

लालू के बड़े शहजादे तेजप्रताप ने राजद को अलविदा कहने का दिया संकेत

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