रांची: गर्मियों की दस्तक के साथ ही फलों के राजा आम की बहार बाजार में छा गई है। देश के अलग-अलग हिस्सों से आई आम की विभिन्न किस्मों ने फल मंडियों में मिठास घोल दी है। रत्नागिरी से आया हापुस आम जहां अपने शानदार स्वाद और आकर्षक पैकेजिंग के कारण खास ग्राहकों की पहली पसंद बना हुआ है, वहीं दक्षिण भारत का बैगनपल्ली और रसालू आम किफायती दामों के चलते आम जनता के बीच खूब बिक रहा है।
बाजार में बैगनपल्ली और रसालू की कीमतें फिलहाल 100 से 120 रुपये प्रति किलो के बीच हैं। इनके मुकाबले गुलाब खास और ललमुनिया जैसे आमों की कीमतें अधिक हैं—गुलाब खास 150 से 300 रुपये और ललमुनिया 220 से 240 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।
वहीं, हापुस आम की कीमतें आसमान छू रही हैं। रत्नागिरी से आने वाला यह आम छह पीस के पैक में 700 रुपये तक में बिक रहा है। सुनहरा रंग और प्रीमियम पैकेजिंग के चलते यह आम अब भी केवल चुनिंदा ग्राहकों की डिमांड में है।
आम व्यापारी शाहिद भाई बताते हैं कि इस साल बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश में आम की फसल बेहतर हुई है। अगर मौसम ने साथ दिया, तो आम की आवक और बढ़ेगी और आम जनता को भी भरपूर आम खाने को मिलेंगे।
अभी बाजार में हापुस, बैगनपल्ली, रसालू, गुलाब खास और ललमुनिया आम उपलब्ध हैं। मई के पहले सप्ताह से मद्रासी लंगड़ा और पलकुलमैन किस्में भी आने वाली हैं, जिससे कीमतों में थोड़ी नरमी आने की संभावना है। इसके बाद 15 मई से भागलपुर का जरदालू, बंबईया, ओडिशा का लंगड़ा और बंगाल का हेमसागर बाजार में दस्तक देंगे।
जून के पहले सप्ताह से बिहार का लोकप्रिय लंगड़ा आम भी बाजार में पहुंच जाएगा, जिससे न केवल किस्मों की विविधता बढ़ेगी, बल्कि ग्राहकों को स्वाद और कीमत दोनों में ज्यादा विकल्प मिलेंगे।