जहानाबाद: जहानाबाद के सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में रविवार की देर रात हादसे में सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हादसा पर अब राजनीति शुरू हो गई है।सोमवार को भाकपा माले जांच दल घटनास्थल और अस्पताल का दौरा किया और पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की। जांच दल में अरवल के विधायक महानंद सिंह, घोषी के विधायक रामबली सिंह यादव, जहानाबाद के के जिला सचिव रामाधार सिंह, गया के जिला सचिव निरंजन कुमार और राज्य कमिटी सदस्य तारिक अनवर शामिल थे।
भाकपा माले के प्रतिनिधियों ने हादसे मर 7 लोगों की मौत और 28 लोगों के घायल होने की घटना को दुखद बताया और पीड़ित परिवार के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया। इस दौरान जांच दल के सदस्यों ने कहा कि घटना काफी दुखद है। सिद्धेश्वर मंदिर में सावन के महीने में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है। सोमवार के दिन भीड़ बहुत अधिक होती है। हाल के वर्षों में यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ बढ़ गई लेकिन प्रशासनिक तैयारी और श्रद्धालुओं की सुविधाओं और भीड़ नियंत्रण पर ध्यान नहीं दिया गया।
जांच दल के सदस्यों ने बताया कि लोगों से मिली जानकारी के अनुसार यह सामने आया है कि मंदिर के परिसर के चरों ओर की रेलिंग मजबूत नहीं थी, साथ ही यहां जगह बहुत कम है जिसके कारण भीड़ बढ़ने से अफरातफरी का माहौल हो गया। हादसे के बाद जिला प्रशासन का ध्यान पोस्टमार्टम करवाने पर रहा और घायलों को समुचित इलाज नहीं मिल पाया।
सदर अस्पताल में सिटी स्कैन का मशीन काम नहीं कर रहा था।घटना ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की भी पोल खोल दी है। पहाड़ की ऊंचाई पर स्थित मंदिर तक श्रद्धालु तीन रास्ते से आते हैं, प्रशासन को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए था और उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। प्रशासनिक व्यवस्थाओं में भारी अनदेखी की गई जिसकी वजह से यह हादसा हुआ है।
जांच दल ने सरकार से घटना की उच्च स्तरीय जांच, घटना में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई, मृतक के आश्रितों को दस लाख रूपये मुआवजा और सरकारी नौकरी, घायलों को एक लाख रुपया मुआवजा, सिद्धेश्वर मंदिर में बुनियादी सुविधाओं का विकास, मंदिर तक आने के लिए सुरक्षित और सुगम रास्ते का निर्माण की मांग की।
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विवेक रंजन की रिपोर्ट
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