पटना: लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शनिवार को राजधानी पटना पहुंचे थे। राजधानी पटना में राहुल गांधी ने बापू सभागार में संविधान सुरक्षा सम्मेलन और सदाकत आश्रम स्थित कांग्रेस कार्यालय में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने जातिय गणना (Caste Census) को लेकर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि हम उसी लोकसभा और राज्यसभा में पास कर पूरे देश में जातिय गणना करवाएंगे।
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इस दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि हम देश में जातिय गणना करवाएंगे तो पूरे पारदर्शी तरीके से करेंगे बिहार की तरह नहीं कि रिपोर्ट में कई गड़बड़ियाँ हैं। राहुल गांधी के इस बयान के बाद एनडीए ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया और सवाल करने लगे कि जब जातिय गणना हुई थी उस वक्त आप भी सरकार में थे। एनडीए के नेता सवाल कर रहे हैं कि क्या आप अपनी सरकार के काम पर सवाल उठा रहे हैं। अब इस मामले में कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने सफाई दी।
कांग्रेस कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस कर अखिलेश सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के कहने का मतलब कुछ और था। राहुल गांधी कहना चाह रहे थे कि बिहार में जातिय गणना इसलिए नहीं हुआ था कि उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाये। जातिय गणना करवाने का उद्देश्य था कि लेकिन नीतीश जी हमलोग के पास से हट कर भाजपा के साथ चले गए। बिहार में जातिय गणना का मतलब था कि गणना के अनुसार काम हो। अभी आरक्षण बढ़ाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। राज्य सरकार इंतजार कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट जब फैसला देगी तब हम उसके आधार पर काम करना है।
नीतीश कुमार डबल इंजन और विकास की बात करते हैं तो जातिय गणना का मतलब सिर्फ आरक्षण बढ़ाना तो नहीं है। जातिय गणना के आधार पर जिस 94 लाख लोगों को चिह्नित किया गया है दो लाख रूपये प्रति परिवार को देने के लिए वह क्यों नहीं दिया गया। डबल इंजन की सरकार चाहे तो मामला सुप्रीम कोर्ट से वापस ले कर सदन में पारित कर नौंवी अनुसूची में शामिल कर देंगे बस आरक्षण का काम हो जायेगा। अखिलेश सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के बोलने का यही मतलब था लेकिन उसे दूसरे तरीके से पेश किया जा रहा है।
तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार ने यह लागू किया है और कर्नाटक में किया जा रहा है। अखिलेश सिंह ने ललन सिंह और संजय झा पर तंज कसते हुए कहा कि मैंने उनलोगों का बयान सुना है, जब डबल इंजन की सरकार है तो वे लोग सुप्रीम कोर्ट से मामला वापस लेकर नौंवी अनुसूची में शामिल करवाएं और यही कांग्रेस पार्टी चाह रही है।
अखिलेश सिंह ने कहा कि जातिय गणना करवाने के लिए नीतीश कुमार का साथ कांग्रेस और राजद ने इसलिए नहीं दिया था कि मामला को ठंडा बस्ता में डाल दिया जाये बल्कि इसलिए साथ दिया था कि उसे नौंवी अनुसूची में शामिल कराया जायेगा। जब तक आरक्षण का मामला नौंवी अनुसूची में नहीं डाला जाता है तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे।
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पटना से विवेक रंजन की रिपोर्ट
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